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Rambabu
1:49 AM
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सम्प्रति मैथिली साहित्यिक स्वघोषित महान ज्ञानी लोकनिक प्रादुर्भावसँ मिथिलाक पावन भूमि धन्य भेल अछि! हुनक ज्ञान दर्शनक चतुर्दिक प्रसारसँ मिथिला महमह कS रहल अछि ! 'अप्पन मनक मर्जी बौहकेँ कहथिन भौजी' केओ कि कS सकैत छनि? तहिना किछु दिन पहिने न्याय, नव्यन्यायकेँ केओ स्कूल ऑफ लॉ कहि मिथिलाक दार्शनिक परंपराक नव उदाहरण प्रस्तुत कएलनि। मिथिलाक न्याय दर्शनकेँ ओ कर्मकांड कहि अपन ज्ञान दर्शनक नव परिभाषा गढ़लथि !
मिथिलामे रावण वध परंपरा पछिमाहा कायस्थक देन अछि, हुनका जरबैत देखि मोन जरि जाएत छनि ! एहन महान पराक्रमी, प्रकाण्ड विद्वान संगहि उद्भट पांडित्यक व्यक्तित्वकेँ एहि तरहेँ उपहास उडाएब असनातनीय कृत अछि ! मिथिलासँ एहि ब्राह्मण विरोधी परंपराक उन्मूलन हेतु आगू अभियान सेहो चलएबाक विचार बना रहल छथि ! माता जानकी हुनक कल्याण करथि से हमर मंगलकमना।
जातीय कट्टरताक ओ परम् विरोधी छथि! हिनकर श्रीमुखसँ सदिखन मधुरस तकपैट समरस समाजक परिकल्पना लेल अहर्निश आकुल व्याकुल रहैत देखल जाएत छथि ! समाजमे जाति वर्ग धर्मसँ ऊपर उठि सदिखन मानवीय मूल्यक रक्षार्थ दुब्बर भेल रहैत छथि ! मानवताक प्रति हिनक सहृदयता संवेदनशीलता सर्वसमावेशी समाज लेल उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करैत छथि !
रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद आओर महात्मा गांधी जी जकाँ सर्वधर्म समभाव हुनक मूल मंत्र छनि ! धर्म जाति वर्ग हिन्दू-मुसलमानसँ पहिने नीक इंसान बनि मानव धर्मक निर्वहन लेल समाजमे सदति प्रयासरत रहैत छथि ! वाम दहिन मध्य पंथकेँ ओ बूड़ि पंथ मानैत छथि ! हिनक दृष्टिकोणमे वैचारिक पोषपुत होयब घरमे बान्हल कुकुर समान होयत अछि जे बेरबेर स्वामी भक्तिमे चेतनाशून्य, विवेकशून्य भS हुलकैत रहैत अछि ! ज्ञान ध्यान मान सम्मान स्वाभिमान सभटा हुनकर चरनचारणमे जिआन कS लैत अछि !ओहन लोक पर सदैव हुनकर वक्रदृष्टि रहैत छनि ! जे हिनका घांचमे नहि बैसि सकलाह तँ तामसे टीक ठाड़ भS जाएत छनि !
ओ एहि धराक अद्भुत प्राणी छथि, जे केओ हिनकर विचारसँ असहमति भेलाह कि झट दS दुर्वासा बनि नक्सली, मिशनरी, तबलीगी होयबाक श्राप तँ दए दैत छथि, परञ्च आब ओ नवका शब्द #भीमटा कहि आत्मसंतुष्ट होयत छथि। भीमटा मतलब जे अंबेडकरक अनुयायी छथि, यथा दलित गरीब पिछड़ा जाति। जनिकर नाम लैत राष्ट्रवादी सरकार नहि थकैत छथि, हुनका लोकनिकेँ ओ फुटली आँखि नहि सोहाएयत छनि। एहन राष्ट्रवादी जनवादी समाजवादी विरले भेटत ! आ ताहु सभसँ जँ छाती नहि जुड़ाएयत छनि तँ सीधे भगवान परसुराम जकाँ मान स्वाभिमानक गरदनि छोपS लगैत छथि मुदा विनम्रताक समक्ष सकपका जाएत छथि। टिटही टेकल पहाड़ !!
संघ कार्यालयसँ लSक केंद्रीय कार्यालय धरि भीमराव अंबेडकर आ महात्मा गांधी जीक फोटू देखि हिनकर कोढ़ फाटैत छनि ! हिनका भ्रम छनि जे हमरोसँ बेसी केओ बुधिआर 'एको हम न द्वितीय अस्ति' जँ फोटू टाँगहिकेँ छनि तँ हमर पसीनक होयतैक..मुदा 'होइहैं ओहि जे राम रचि राखे'...मोन मसोरि कS रहि जाएत छथि। सीताराम हुनक आत्मशांति प्रदान करथि। एखन बस एतबे फेर कहिओ ता धरि घरमे रहू, कोरोनासँ लड़ू। जयमिथिला
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