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Saturday, July 9, 2016

मिरानसे: मिथिलाक समस्याक कारण शासन प्रशासन कम मैथिल स्वयं बेसी छथि।

मिथिलाक समस्या एखन जकथक पड़ल अछि, जे पैघ चिंताजनक विषय अछि।बेरोजगारी, महँगी, भ्र्ष्टाचार, बिजली, पानि, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा आ मजदूर वर्गक पलायन कतिपय  समस्याक जाल बिछाओल अछि, जेकर दूर करब बिहार सरकारक मनोदशा मिथिला के प्रति सौतेलापन जेकाँ जगजाहिर छनि। मिथिला के नितीश सरकार मजबूरी में ढो रहल छथि कारण हिनकर पूरा ध्यान अप्पन क्षेत्रक विकास पर छनि बाद में कतौ आउर? एकर पैघ कारण नितीश सरकार सेहो निक जेकाँ बुझै छथिन जे मैथिल स्वयं में बुद्धिजीवी सँग अहंकारी बेसी होय छथि। ते हिनका लोकनि के मुर्ख बनेबा में कोनो बेसी दिक्कत नहि अपितु सहज छैक। एकटा लोकोक्ति छै ने अपना तरफ कि "बेसी पण्डा सँ मठ उजाड़" ! ते मिथिला में बुद्धिजीविक बाहुल्य सँ एतौका कोनो जन आंदोलन शुरू होम सँ पहिने भसिया जएत छैक?

पटना चिंतन शिविर के पश्चात् मिथिला राज्य निर्माण के माँग मैथिल के लेल आब प्रतिष्ठा आ अधिकारक विषय बनि गेल अछि। कहल जएत अछि अतीत में सेहो कर्मठता लगनशीलता आ संकल्प सँग मिथिला राज्य अभियानी समर भूमि में कुदल छलथि सब संकट सँ लोहा लेब लेल मुदा मानवीय स्वार्थ सत्तालोलुपता स्वपोषित हित आ वर्चस्व इत्यादि कारणे आंदोलन छिन्न भिन्न भ गेलनि। हमरा सबके अतीत में कएल गेल निक काज सँ प्रेरणा आर बेजाए काज सँ शिक्षा लेबाक चाहि। एखन जे प्रमुख समस्या अछि हमरा सबके बिच में सम्बाद आ सौहार्द के कमी। पहिने एकजुट एकमत एक विधान एक संबिधान एक नेतृत्व पर सर्वसम्मति सँ संकल्प लेल जाऊ। दोसर व्यक्तिगत विचारधारा किनको कोनो राजनितिक दल सँ होय मुदा मिरानसे के मञ्च पर खाली एकहि टा विचारधारा हेबाक चाहि "पृथक मिथिला राज्य"।

हमरा सबहक आंदोलन के आवाज केन्द्र सरकार के कान धरि पहुँचक चाहि आ ई तखने सम्भव हएत जखन आगामी दरिभंगा अधिवेशन दमदार सँग लोकक जन शैलाब जमा हएत। यएह सर्वश्रेष्ठ हथियार हएत मिथिला राज्य निर्माण के लेल, तें किछ महिनाक मेहनत जँ हम सब ईमानदारी आ समर्पण भाव सँ पूरा क लेलहुँ तखन राज्य सरकार सँ लक केन्द्र सरकार के आँखि स्वतः खुलि जैतनि। एखन अहुना केन्द्र में मोदी के सरकार अछि, अहि सँ पहिने बाजपेयीक सरकार काल में मैथिली केँ आठम अनुसूची में राखल गेलैक आ पुनः समय आयल अछि जे वर्तमान प्रधानमंत्री जी के ध्यान जेबाक चाहियन्हि आ शीघ्रातिशीघ्र अहि पर मंत्रिमंडल में निर्णय लय् स्वतंत्र राज्यक दर्जा दए मिथिला के चिर-अभिलाषित अधिकार आ समुचित माँग के पूरा करबाक चाहियन्हि।

अन्त में #मिरानसे के नेतृत्व के माध्यमें समस्त सदस्यगण/ मैथिलगन, प्रवासी मैथिली/मिथिलानि किंवा मिथिलांचल में रहनिहार/रहनिहारि सबसँ आग्रह करैत छी जे जानकी भूमि के बिहार सँ मुक्त करबा में तन मन अस धन सँ अपन सहयोग करि। मिरानसे में अपने सब लोकनिक स्वागत आ आमन्त्रण अछि अपनेक विचार के। जय मिथिला जय माँ जानकी।

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