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Tuesday, August 25, 2020

अहाँ ई करू आ की ओ करू जे जे फुराएत अछि ओ सभ करू।

मुखपोथी पर आ ट्विटर पर डीगडिगीआ देबाक काज सेहो करू।।

मातृभाषा बनय शिक्षाक आधार ई थिक हमर जन्मसिद्ध अधिकार।
याचनासँ भेटल यातना आइधरि आएल समय शास्त्र सँग शस्त्र धरु।।

मनसठ मनोवृति जे घर कएने अछि वएह भाषाकेँ बेघर कएने अछि।
टुकड़ा टुकड़ामे टूटल अछि मोनक डोर जुड़त कोना से बाट पकरु।।

चुनाव अबितहि सभकेँ मोन पड़ैछ लागि भिरी क' गप्पक दौन करैछ।
बहारि उसारि आ अटकि फटकिक' दए दोष भाग्यकेँ कलपति मरु।।

मैथिली जाति धर्म पंथसँ परतारल रहल अपने लोकसँ उजारल रहल।
छै शापित मैथिलक प्रायश्चित ई  पीबि घटविष शुन्यमे सुलगैत जरू।।

बाबाक अरजल छल दान मान  सभ बेचि बेसाह कS रहल निलाम।
कोना पाएब निज स्वाभिमान पुनः ओहिकेँ भंजिआएब करू शुरू।।

रामबाबू सिंह मधेपुर
२६.०८.२०२०

Monday, May 18, 2020



सोसल साइट पर किछु विद्वान लोकनिक आलेखसँ विस्मृत भेल छी कि यथार्थमे हमर सभक आदर्श मर्यादापुरुषोत्तम प्रभु श्री राम छथि किंवा मर्यादाभंजक दुराचारी अहंकारी रावण।
कर्मक दोष आ गुणक फल तँ मनुख की भगवानोकेँ भोगS पड़ल छनि जकर अनेकानेक उदाहरण भेटैत अछि। सनातनहि कालसँ सद्कर्मक बले सुसंस्कृत समाजक निर्माण होयत रहल अछि आ हुनक विधि विधान धर्म सँस्कारक गाथाक गुणगान समाज संगहि संसार करैत रहल अछि। कएको एहनो प्रभावशाली व्यक्तित्वक साहित्य भेटैत अछि जे साफे औंठा छाप छलाह मुदा हुनकर आत्मचेतनासँ सृजित साहित्यक अन्वेषण कS एखनहुँ अनेकानेक विद्वान लोकनि समाजमे प्रतिष्ठा पाबि रहल छथि।
स्वामी विवेकानंद जीक अध्यात्म गुरु रामकृष्ण परमहंस आ प्रभु श्री रामचन्द्र जीक परम् भक्त कबीर जी सेहो औंठे छाप छलाह। मुदा हुनक विचार चिरकाल धरि समाजकेँ पथप्रदर्शक रहैत रहल अछि।"मसि कागद छूवो नहीं, कलम गही नहिं हाथ" कबीर जी अपन निरक्षरताक प्रणाम स्वयं रचने छथि। जन्मकेँ लSक कबीरक प्रसङ्गमे कएको तरहक किंवदंती प्रचलित अछि। काशीक ब्राह्मणी विधवाक गर्भसँ सेहो सम्भवतः अछि। आ जुलाहा भरिसक पालक होय मुदा हिन्दू आ मुस्लिम दुनु धर्मपर ओ एकसम दृष्टि राखैत छलाह।
शास्त्र शस्त्रक ज्ञाता, प्रकाण्ड विद्वान, महापराक्रमी, शक्तिशाली, महादेवक परम् भक्त दशानन रावण ऋषि विश्रवा आ राक्षसी कैकसीक पुत्र छलाह। हिनक व्यक्तित्वमे दुनु गुण समाहित छल मुदा मातृपक्षक गुण प्रभाव बेस रहल छल। देवता लोकनिकेँ ओ दास आ समस्त सँसारकेँ ओ अपन बाहुबल, छल, कपटसँ अधीन बना रहल छल। हिनक अनेकानेक शौर्यगाथा सँग, बलात्कारी व्यभिचारी, दुराचारी, अत्याचारी, आतातायी आदि इत्यादिक बेस प्रभाव रहल छनि, जनिकर साक्ष्य कएको महान पौराणिक ग्रंथ सभमे भेट जाएत अछि।
ब्राह्मणक अर्थ ब्रह्मज्ञानी होयत अछि आ ओहि ज्ञानकेँ जनकल्याणक कार्य निमित्त लगाओल जाएत रहल अछि।मुदा रावणक बाल्यकालसँ लSक मृत्यपर्यंत कोनो एकटा कार्य जनिकर समाज आत्मसात कS सकैए? मुदा किछु अति जातिवादी आँगुर पर गनय बला लोक रावणक इतिहास पुनर्स्थापित करबाक असफल प्रयासमे लागल छथि। प्रकाण्ड विद्वानक प्रमाणपत्र होयब जँ मात्र सुसंस्कार आ वंदनीय होय तखन तँ विभीषण कुम्भकर्ण मेघनाद, कंश आदिसँ लSक वर्तमान समयमे ओसामा आदि इत्यादि सनक अनेकानेक विद्वान लोकनि पूजाओल जा सकैए।
सनातन सँस्कृतिक मोताबिक दशानन रावणक कुकर्मक अंत नवरात्राक नवमी दिन प्रभु श्रीराम द्वारा कएल गेल छलनि। तेँ रावण रूपी आतातायी पर विजयी, असत्य पर सत्यक विजयी, अधर्म पर धर्मक विजयी, अनीति पर नीतिक विजयी, दानव पर देवताक विजयीक प्रतीक रुपे प्रत्येक साल दहन कS विजयोत्सव मनबैत आबि रहल अछि।
आदरणीय Shankerdeo Jha जीक पोस्टसँ ज्ञात भेल जे एहि सुकार्यक शुरुआत कायस्थ लोकनि कएने छथि, जहिना मातृभाषा आ सँस्कृति रुपे मैथिलक समन्वय हेतु विद्यापति स्मृति पर्व समारोहक शुरुआत मैथिली दधीचि भोला लाल दास जी कएने छलाह। यथार्थमे ओ प्रणम्य छथि जे एहि प्रसङ्गकेँ प्रत्येक साल मोन पाड़ैत रावण कुम्भकर्ण आ मेघनादक दहन करैत समाजमे सत्य नीति आ धर्मक पथ प्रशस्त करैत छथि।
जयमिथिला | जयमैथिली | जयजय मैथिल | जयजय सियाराम
कोरोना वायरसक सन्दर्भमे अमेरिकन राष्ट्रपतिक आशंका निराधार नहि रहनि। एहि वायरसक पसरबाक गुण धर्मकेँ लSक ओ चाइना पर शुरुएसँ आँगुर उठा रहल छलाह। चाइना अपन चतुराईसँ दुनियाक सभटा वैज्ञानिककेँ निशाचर चमगादड़क पाछाँ लगा देलक। विश्व स्वास्थ्य संगठन संस्था धरिक विश्वसनीयता संदेहक परिधिमे आबि गेल अछि आ तकर कएको प्रमाण सेहो देखल गेल।
नोबल पुरस्कार विजेता जापानक प्रो० डॉ टासुकू होंजो जनिकर शोधक्षेत्रमे चालीस सालक अनुभव छलनि संगहि सँग ओ ओहि लैबमे काज सेहो कएने छथि, हुनक स्पष्ट कहब छनि कि एहि महामारी वायरसकें लैबमे जनमाओल गेल अछि आ ओ छल प्रपंच कपटसँ दुनियाकेँ प्राकृतिक कहि भरमा रहल अछि। जँ यथार्थमे ई कुकर्मक पुष्टि भS जाएत अछि तँ विश्व विरादरीकेँ एकजुट भS चाइनाकेँ सबक सिखाएबाक चाही। आई समस्त विश्व त्रस्त एहि महामारीसँ बचबाक लेल पानि डेंगा रहल अछि। निदानक नाम पर अन्हारमे लाठी भांजि लड़बाक प्रयास कS रहल अछि।
अमेरिकामे मृतकक संख्या एखन धरि 52 हजारकेँ पार, इटली 26 हजारकेँ पास, स्पेन आ फ्रांस दुनु 22500 के पास एक दोसरकेँ पछाड़ैत लन्दनमे 20 हजार धरि पहुंच रहल अछि। कहबाक तातपर्य अछि जे एखन धरि 210 देश एहि संक्रमणसँ तबाह भेल अछि आ चुटी-पीपरी जकाँ चट पट मरैत अपन जनताकेँ देखि हक्कन नोर कानि रहल अछि। भारत देशमे एखन धरि 784 रोगी कालक ग्रास बनि चुकल अछि। देशमे रोगीक संख्या 25 हजार धरि पहुँचय बला अछि जाहिमे महाराष्ट्र 6817 रोगीक संख्या सँग पहिल स्थान, गुजरात सभकेँ पछाड़ैत 2815 रोगीक संख्या आ दिल्ली 2514 संख्याक सँग दोसर आ तेसर स्थान पकड़ने अछि। राजस्थान 2062 आ मध्यप्रदेश 1846 रोगीक सँग चारिम आ पाँचम स्थान पर काएम अछि।
स्थिति समूचा विश्वमे एखनहुँ भयाभह अछि। देशमे पहिल संक्रमण ग्रस्त राज्य केरल छल जे अपन सूझबूझसँ एहि महामारीसँ निपटबाक लेल देशक लेल अनुकरणीय काज कएलक अछि। रोगीकेँ सुधार होयबाक क्रममे दिल्ली 27% क सँग पहिल स्थान, 24%क सँग राजस्थान दोसर 11% क सँग मध्यप्रदेश तेसर आओर 9% क सँग गुजरात चारिम स्थान पर अछि। वायरससँ लड़बाक लेल तँ नहि मुदा बचबाक लेल केवल एकहि टा जोगार अछि जे मनुख सभसँ कटल रहूं, घरमे पड़ल रहू, खाएत पिबैत मस्त रहू। जँ प्राण बचि गेल तँ हरो फाड़ जोति गुजर कए लेब। सभ गोटेकेँ स्वस्थ रहबाक मंगलकमना करैत छी।
न्यूज़ कट साभार : Mahendra Narayan Ram

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