व्यवस्थाक मकड़जालमे
ओझराएल लाल कक्का
अकबकाएल
मुदा कहबथि लाल बुझक्कड़
सदिखन माथ पर हाथ धएने समय गमाबथि
एक बेर तँ बरखाक झरीकें देखि
बाजि उठलाह जे
देखहक तँ एकर खच्चरैS
कोना असमानमे भूर कS देलकैS
तहिए सँ लोक हुनकर चौल सेहो
करS लग़लन्हि
नेनेपनसँ फुसीआहि चिंता फिकिर सँ
ओ बेसी नहि पढि सकलाह
मुदा चाहे कोनो मुद्दा होय
ओ चाहे बुझथि वा नहि
टाँग घोसिएबाक प्रयास जरूर करैत रहलाह
ओ गामक चाहक दोकानक चौबटिया पर
अनेरे कोनो मुद्दा पर चिन्तन करैत रहैत छलाह आ
जँ कनिओ लोकक जमघट देखलक की
झट दए अपन ओजस्वी भाषण शुरू कS दैत छलाह
लाल कक्काक एकटा लबज छलनि
जे बात बात पर बजैत छलाह
अरे ! हमरा सँ एकबेर पुछि तँ लैत
एकर निदान हम चुटकीमे कS सकैत छलहुँ
बात करय छथि??
ताहि क्रममे नॉट बन्दी भेल
आ ताहि पर माथ धS बैसि गेलाह
कहह तँ कालाधन बाहर घिचबाज
ई कोन तरीका?
अरे ! हमरासँ एकबेर पुछि तँ लैत
हम कालाधनकें बिहुर सँ काला नाग जकाँ
बिना बीन बजेने बाहर घिचि सकैत छलहुँ
बात करय छथि??
आ जँ कियो निदान पुछि देलक
तँ कक्काक तामस सोझे कपार पर
अरे ! हमरासँ एकबेर पुछि त लैत
जँ मनमानिए केलथि तँ करैत रहौथि
हमरा सँ जूनि पूछS
नहि तँ जनिते छह हमर तामस
उम्हर ओकर स्कीम आ एम्हर हमर जुत्ता
बात करय छथि??
तामसे कक्का कोनो निदान नहि
बस बड़बड़ाए लगलाह
जाउ अपने मोनक मान राखु !!
टकटकी लगा तकिते रहि गेलहुँ
जे कियो कहियो दिक्कति लS
पहिने कक्का लग जैतथिन
आ कक्का चुटकीमे निदान कS दितथिन
मुदा ई सेहो कलाधन बाहर आबS जकाँ
शाश्वत प्रतिक्षाक विषय मात्र बनल
रहि गेल एखन धरि
कक्का आब दोसर फिकिरमे रहय लगलाह
पहिल बालाकें सरझप्पी दS
पुनः ओजस्वी भाषण देमS
शुरू कS देलखिन
पुरनका विषय बिसरि गेलाह
आब केवल एकहिटा फिकिर भारत आ पाकिस्तान
एक दोसर सँग सोझासोझी अरि गेल हो
लाल कक्का जकाँ समस्त देश चिन्ताग्रस्त अछि
नेता सभ अपनहिमे मस्त अछि
ओ जनै छथिन जे दुख चिन्ताक निदान
केवल आ केवल दोसर तरहक
दिक्कति कें सोझा आनब मात्र अछि
जनता कें तँ यएह नियति आ
संगहि देश चलेबाक
यएह मात्र एकटा करगर जुगुति।
जयमिथिला || जयमैथिली || जयजय मिथिलाक्षर
रामबाबू सिंह
17.07.17
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