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Tuesday, July 2, 2019

||★|| एक आओर महाभारत ||★||

||★|| एक आओर महाभारत ||★||

महाभारत युद्धकेँ कसूरवार
फुसीएकेँ लोक मढ़ैत छैक
दुर्योधन दुशासन द्रोपदी आ
शकुनिक कपार पर।

असलमे एकर सूत्रधार कियो आओर नहि
अपितु स्वयं धृतराष्ट्र छथि
जनिकर बिआह जबरन
अस्त्र शस्त्र सँगहि सहस्त्र दल बलसँ
गांधारी सँग कराओल गेल रहनि।

जन्मांध धृतराष्ट्रक कारणसँ
गांधारी अछैत आँखि
जीवनपर्यंत आँखि पर पट्टी बान्हि
एक दोसरक सँग जीवन
निर्वाह करबाक प्रण कएलीह।

सहोदर होयबाक कारणे
ई घटना शकुनीक
अन्तर्मनकेँ झकझोरि देने रहनि
उद्विग्न अन्तर्मनक रोस ओकरा
प्रतिशोधक बाट पकड़बाक लेल
उद्वेलित कए देने रहनि।

पजरैत प्रतिशोधक आगि मिझएबाक लेल
बिसरि गेलाह अपन बहिन बहिनोईकेँ
फेकैत रहलाह षडयंत्रक जाल
चलैत रहलाह मनमाफिक चाल
जा धरि महाभारत युद्ध शुरू कS
अपन बदला नहि लS लेलक।

अहि इंद्रप्रस्थ केर धरती पर
संस्थाकेँ स्वरोजगारक साधन समझि
सगे समन्धित सहित कुंडली मारि बैसल
जन्मांध मानसिक अपंग मठाधीस सभक
आँखि पर बान्हल स्वार्थक पट्टी खोलबाक लेल
एक आओर महाभारतक बेगरता अछि।

हाड़ मांसक मनुक्ख होयतहुँ
अहाँक वेदना संवेदना अहाँकेँ सँग छोड़ि देल अछि
गांधारीक पट्टी बान्हब
ओकर पतिधर्म निर्वहन हेतु पाप नहि कहाओत मुदा
अहाँक आँखि पर बान्हल पट्टी
इतिहासमे अवश्य पोल पट्टी खोलत।

अन्याय अनीति कुरीतिकेँ खिलाप
बहीर अकान बनि मूकदर्शक बनि
किएक आ कहिआ धरि सर समाज
संगहि सँग देशक दुर्गति होयत देखैत रहब।

जयमिथिला || जयमैथिली || जयजय मिथिलाक्षर
रामबाबू सिंह मिथिला
०३.०७.२०१९

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