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Wednesday, June 26, 2019

देशकेँ अस्पतालक सुदिन कहिया आओत !!

सगरो देशमे सरकारी अस्पतालक स्वास्थ सेवाक हाल अनेरुआ गेS महिंस सँ सेहो गेल गुजरल भए चुकल अछि। तकतियान करय बला कियो कतहु नहि ? नेराएल नार पुआर खायत, नेंगरायत मारल झमारल कतहु कोनो बाट घाट करोट भेल पड़ल जीवन आ मृत्यु सँ स्वयं संघर्ष करैत भेटैत अछि।

आब जखन अस्पताल अपने आईसीयू मे पड़ल होय तखन रोगीकेँ तँ भगवाने मालिक। ओहुना सरकारी अस्पताल पर भरोसा फटेहाल गरीब दुखियाक बेसी होयत छैक, एकर कारण आ कारण केवल गरीबी । आ जे कनिओ सामर्थवान होयत अछि ओ सरकारी अस्पतालमे मरय लेल नहि जाए चाहैत अछि। गरीब दुखियाक सुधि लेनिहार कियो नहि, खाली वोटक समय सब मन पाड़ल जाएत अछि फेर स्वार्थ सिद्ध भेलाक बाद यादास्त चलि जाएत छनि।

आमजनकेँ सरकारी अस्पताल पर अतेक नाभरोस किएक अछि? अहि सबाल पर व्यापक विमर्शकेँ आवश्यकता अछि तथापि किछु महत्वपूर्ण विंदु हम एतय अवश्य राखय चाहब:-
प्रथमतः सरकारकेँ निजी अस्पतालकेँ संरक्षण आ संवर्धन पर जोर देब आ ताहिमे अप्पन भविष्य ताकब। केवल नेता आ बाबू सभक भ्रष्ट आचरण केर कारण अपने हाथ सँ सरकारी अस्पतालकेँ नहुए नहुए जानि बुझि कS आईसीयू मे पहुंचा देल अछि जाहिसँ निजी अस्पताल चमकैत रहय आ संगहि सँग चमकैत रहय अप्पन जेबी।

नीति आयोग केर स्वास्थ्य सेवाक वार्षिक रिपोर्ट वास्तवमे सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्थाक पोल खोलि देल अछि। एकतरफ वामपंथी राज्य केरल जे लगातार स्वास्थ्य सेवाक क्षेत्रमे देशमे टॉप स्थान पर काएम अछि तँ दोसर दिसि सभसँ अंतिम स्थान 21 नम्बर पर बाबा जीक उत्तर प्रदेश जे 2015-16 ,केS बाद आओरो बदतर भS गेल अछि। रिपोर्ट प्रकाशित करनिहार संस्थाक अध्यक्ष स्वयं प्रधानमंत्री छथि।  20 नम्बर पर बिहार आ 19 नम्बर पर उड़ीसा रहल अछि। स्वास्थ्य सेवा बदहाली अतेक भयाबह होयतहुँ नेता जी निश्चिंत छथि। कतहु ऑक्सीजन केर अभावमे जनमौटी बच्चा दम तोड़ि रहल छैक तँ कतहु डॉक्टर दवाई आ अस्पतालक अभावमे चुट्टी पिपहि जकाँ मरि रहल अछि।

एकर निदान संभव छैक मुदा समस्या जानि बुझि कS कश्मीर समस्या जकाँ जटिल बनाकS रखने अछि। जाति पाति अगड़ा पिछड़ा गरीबहा धनिकाहा आदि सभ सूत्र बनाबयमे सालों भरि माथ भिडबैत रहैत छथि मुदा स्वास्थ्य सेवा जे लोकक अधिकार छै ताहि दिसि कोनो निस्सन डेग नहि उठाओल जाएत अछि। कनि सोचू

जयमिथिला || जयमैथिली || जयजय मिथिलाक्षर

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