पाँच सालक कार्यकालमे साहेब जँ
सेखी बघारब आ केवल अपन सौख पुरेबाक सनकमे
दुनियाक चक्कर लगेबाक धनचक्करमें नहि पड़ि
संकल्पित काजक प्रति निष्ठावान रहितथि
त' आई कल बल छल आ प्रपंची प्रतिभासँ पूर
सदीक महान नाकारात्मकताक प्रतिमूर्ति बनि
अपन देश कोसक चुनावी चौक चौराहा पर
अतेक बोमिआए नहि पड़तनि।
लहास देखि जेना गिद्ध अकासमे बिनु आमंत्रण
अनायास उगि अबैत अछि आ
अपन झुण्ड बना गीत नृत्यक कलाबाजी सँग
उत्सव मनबैत पेटक क्षुधा मेटा तिरपित होयत अछि
ठीक तहिना आजुक राजनेता सब
कतहु अगराही लागि जाउ
आ की दंगा फसादमे घरक घर तबाह भए जाउ
चाहे नार पुआर जकाँ खेत खरिहानमे लहासक ढेर लागि जाउ
वा देशक वीर सेनाक शहादत किएक नहि भए जाउ
मुदा हिनका सभलेल कोनो उत्सवसँ कमतर नहि।
गिद्ध त' नेता सभसँ लाख गुना नीक कारण
ओ शिकारी सँग मुर्दाखोरी लेल जानल जाएत अछि
वातावरणके स्वच्छ राखय लेल ओ सब सेल्फी नहि
अपन कर्मकेँ धर्म बुझि अंतिम परिणाम धरि लागल रहैत अछि
मुदा नेता नहि त' शिकारी आ नहि मुर्दाखोर होयत अछि
लेकिन एहन धूर्त प्रजाति जे सेवाभाव सँग राष्ट्रनिर्माणक
संकल्प लS सत्ता पर आसीन होयत छथि आ देशक दुर्भाग्य जे
फेर गिरगिट जकाँ रँग बदलैत निज स्वार्थ पूर्ति हेतु आ
स्वनिर्माण लेल सगर समाजमे अकानल जाएत छथि।
जयमिथिला || जयमैथिली || जयजय मिथिलाक्षर ||
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