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Sunday, May 12, 2019

जानकी अवतरण

मिथिलाक अनुपम माटि पर
पड़लै जखन अकाल ।
चिड़ै चुनमुन जरय लागल,
मनुक्खक हाल बेहाल ।

पुण्यउर्वरा केर तट तखने,
राजा जनक भेला हरबाह ।
प्रजा जनक कल्याणक खातिर,
भेलनि मनमे हुनका परबाह ।

हर चलबिते धरतीसँ,
माँ जानकी लेलनि अवतार ।
धन्य भेल भूमि मिथिला केर,
चहुँदिस गूँजल जय जयकार ।

जानकी नवमीक मंगलकामना ।

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