काल्हि पटनामे हुनकर आवासमे निधन भS गेलनि आ अहि तरहेँ मैथिली साहित्यक आकासमे एकटा देदीप्यमान नक्षत्र असमय अस्त भए गेल। अपन चर्चित काव्य संग्रह 'एना त' नहि जे' सँ ओ समकालीन मैथिली कवितामे एकटा व्यापक प्रारूप तैयार केलथि आ ई पोथी खूब चर्चित रहल। तहिना अनुवादमे एकटा विदेशी कविताक अनुवाद 'ई थीक जीवन' हालहिमे प्रकाशित भेल आ ओकरो पर खूब चर्चा भेल।
विचार आ जीवन सँ प्रगतिशील हरेकृष्ण झा मूलतः मधुबनी जिलाक कोइलख वासी छलाह। जनान्दोलन सँ जनकविता धरि हिनकर जनपक्षता जीवनक अंतिम समय धरि बनल रहल। मैथिली कवितामे राजकमल चौधरी बाबा यात्री कुलानंद मिश्र सुकान्त शोम, महाप्रकाश, रामलोचन ठाकुर, अनेको एहन व्यक्तित्व छथि जे मैथिली कविताक समकालीन स्वरकेँ रूपमे जानल जाएत अछि आ ताहिमे सँ एक छलाह हरेकृष्ण झा।
आई हमरा सभक बीच ओ नहि छथि मुदा अपन कविता अपन विचार सँ हमरा सभक हॄदय स्थली आ वैश्विक साहित्य जगतमे अपन उपस्थिति सदैव दर्ज कएने रहताह। हार्दिक श्रधांजलि सम्प्रेषित करैत छी।
No comments
Post a Comment