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Saturday, July 16, 2016

भीख में पृथक राज्य कदापि नै कियो देत? साहस आ सम्पर्पन सँग एकजुट भS संघर्ष करय पड़त, लड़िकS अधिकार लेब पड़त।आउ एकटा पुरनका किस्सा सँ बुझबाक प्रयास करै छी।

बहुत दिन पहिने अहूँ सभ एकगोट चिड़ैय के किस्सा सुनने हएब जकर एकटा दाना गाछक खाँच में अटकि गेल छलै !

चिड़ैय गाछ सँ बहुत अनुनय विनय करैत रहल अपन दाना के लेल मुदा गाछ उ छोटछिन चिड़ैय के बात कथि लS सुनत?

हारिकS चिड़ैय बड़हिबा लग गेल आओर अनुरोध कएलक कि तूँ ओS गाछ के जड़ि सँ काटि दे, हमर दाना नै द रहल अछि? कहू एकटा दाना के लेल बड़हिबा कथि लेल गाछ काटत?

फेर चिड़ैय राजा लग गेल आओर राजा सँ कहलक कि बड़हिबा के सजा देल जाए, कारण उ गाछ नहि काटि रहल अछि आ गाछ हमर दाना नै दय रहल अछि?

राजा छोटछिन चिड़ैय के जोर सँ डाँटिकय भगा देलक कि कतय एकटा दाना लेल एतय धरि पहुँच गेल?

चिड़ैय सेहो मोन में ठानि लेने छल तें कतय हार मान बाला?

उ महावत लग गेल कि जखन राजा तोहर सबारी करय बैसS तखन ओकरा खसा दीहें, कारण राजा बड़हिबा के सजा नहि द रहल छैक, बड़हिबा गाछ नै काटि रहक छैक आ गाछ हमर दाना नहि दय रहल अछि...
महावत सेहो चिड़ैय के डाँटि क भगा देलक...

चिड़ैय फेर हाथी लग गेल आ कहलक कि जखन कखनो तोरा पिठ पर महावत बैसउ ओकरा खास दिहें मुदा उ राजा के खसाबय सँ मना कS देलक....
राजा बड़हिबा के सजा नहि देब चाहैछ, बड़हिबा गाछ नै काटय चाहैछ, गाछ दाना देबय नहि चाहैछ..
हाथी से खिसियायल घुमि रहल छल..कि एहन छोट छीन विषय के लक महावत आ राजा के खसेबाक बात सोचि कोना सकय छेँ??

चिड़ैय अन्त में बिष पीपड़ी (चींटी) लग गेल आ वैह अनुरोध दोहरेलक कि तूँ हाथी के सूंड़ में घुसि जो...विष पीपड़ी फेर चिड़ैय के कहलक भाग तोरा कहला सँ हम कथि लेल हाथी के सूंड़ में घुसि जाऊ? बड्ड ऐलाहए सूंड़ में घुस लेल कहय बाला?....

एखन धरि अनुनय विनय करयबाला चिड़ैय आब अपन रौद्र रूप धारण कय विष पीपड़ी सँ कहलक कि हम चाहे गाछ बड़हिबा राजा महावत आओर हाथी के किछू नहि हानि पहुँचा सकि...मुदा तोरा त अपन चोंच में राखि खाए सकय छी?....

आब विष पीपड़ी(चींटी) डरे काँप लागल...प्राण बचाब लेल भागल भागल हाथी लग गेल...हाथी भागल महावत लग ..महावत राजा लग गेल आ कहलक हजुर चिड़ैय के काज क दियौ नहि त हम अहाँ के खसा देब...राजा तुरन्त बड़हिबा के बजेलक आ हुकुम देलनि कि उ गाछ के तों काटि दे नहि त सजा के भागि हेबेS?...बड़हिबा गाछ लग पहुँचल.. बड़हिबा के देखिते गाछ गिड़गिड़ा कय नै काटय के लेल कहलनि कि हम चिड़ैय के दाना एखन्हि घूरा दय छी !

एकर सार के बुझबाक प्रयास करू। अहाँ के अपन शक्ति के आकलन करय पड़त...स्वयं के चिन्ह पड़त कि भले छोट चिड़ैय जेकाँ छी, लेकिन अहाँक शक्तिक कड़ी कतौ ने कतौ अहाँ सँ जुड़ल हएत...सब शेर के ओकर बाप भेट सकैए, मुदा  आन्दोलन सँ अहलदलि नै हेबाक चाहि...जँ एकबेर संकल्प ल लेलहुँ आ ओकर पाछा लागि गेलहुँ तखन काज के पूर्णाहुति अवश्ये हएत।

मानि लिय कि सब शक्ति के आगु एकटा आउर शक्ति होयत अछि आ अन्त में सबसँ शक्तिशाली स्वयं के बुझबाक प्रयास करू। अपन शक्ति आ ऊर्जा के बूझि लेब तखन अपने सब आफत के मर्दन करैत शक्तिशाली हएब।अन्तर्निहित शक्ति के बुझबाक प्रयास करू आ जनकल्याण के लेल सदिखन सोच भावना आ विचार में निःस्वार्थ सँग सकारात्मक राखु। अपन जीवन के हथियार बनाऊ आ जुटि जाऊ, सफलता सुनिशिश्चित हएत।

जय मिरानसे ! जय मैथिल,जय मिथिला जय माँ जानकी !

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