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Wednesday, July 27, 2016

संघे शक्ति कलयुगे, अर्थात पृथक मिथिला राज्य के लेल सशक्त मजगूत कर्मठ क्रांक्तिकारी सेनानी होबय पड़त आ संगहि निर्माण करय पड़त।

एकटा लोकोक्ति छैक हिंदी में कि
"कायरता जिनके चेहरे पर श्रृंगार करती है !
  मक्खी भी वहाँ बैठने से इंकार करती है" !!
हमर तातपर्य ई अछि जे फाटल चिटल हारल थाकल निरीह बनि हाथ पसारब तखन अहाँक अंतर व्यथा के किन्नौह नै कियो सुनत? गाँधीवादी विचारधारा सँग आजुक कालखण्ड में अभियान में वैचारिक क्रांति आनि सकय छी मुदा पृथक राज्याधिकार के लेल भगत सिंह ,चन्द्र शेखर जेकाँ जन क्रांति सेहो करय पड़त। अधिकार सनक कोनो माँग देश के कोनो सरकार गिरगिरेला मात्र सँ कदापि नहि दान स्वरूप में देत ?

एकरा लेल समर्पण संग जमीनी स्तर पर संघर्ष करय बाला क्रन्तिकारी मैथिल सपूत के नितान्त आवश्यक अछि जे स्वेच्छा सँ माँ जानकी सेना के सहभागी बनबाक इच्छा राखथि। समर्पण आ सेवाभाव के नितान्त आवश्यक अछि।आजुके समाचार अछि मणिपुर सँ जेना आयरन लेडी इरोम शर्मिला विशेषाधिकार कानून के समाप्त कराब लेल 16 वरखक भूख हड़ताल के तोड़ि जन प्रतिनिधि के माध्यम सँ भविष्य के लड़ाई लड़बाक फैसला केलीह। अतेक वरखक बाद हिनका देशक हालात बुझय में एलनि कि हड़ताल सँ जतेक जागरूक होबाक छलै से भ गेलै आब आगू के लड़ाई राजनीति के माध्यम सँ लड़ के अछि। मतलब स्पष्ट अछि दीन हीन अनुनय विनय कएला मात्र सँ अधिकार नहि भेट सकैए? अधिकार लेब लेल साम दाम दण्ड भेद सब तरहक उपाय करहि पड़त।

रामायण में सेहो राम सेतु प्रसंग में पुल बनएबाक लेल, महान जलाराधि सँ परिपूर्ण समुद्र के देखि जखन बानरी सेना के चिंतित देखलक, सुग्रीव बाजि उठलाह हे वीरवर साधारण मनुक्ख जेकाँ अपने लोकनि चिंतित आ दुःखी किएक छी? परिश्रम आ उद्योग सँ कोन काज सिद्ध भ सकैत अछि। हमरा लोकनि के कायर जेकाँ समुद्र के बाधा मानि हाथ पर हाथ राखि बैस नै जएबाक अछि। आ फेर जखन प्रभु क्रोधित भेलाह तखन समुद्र स्वयं रास्ता देलखिन आ आगू के काज में सही सफलता भेटलनि।

संघे शक्ति कलयुगे, अर्थात संगठन मात्र कलयुग में शक्ति प्रदर्शन के माध्यम थिक। जे जतेक संगठनात्मक सुदृढ़ आ मजबूत छथि वो आजुक सबसँ पैघ शक्तिशाली आ प्रभावशाली व्यक्ति कहाबैत छथि। अपने सबसँ आग्रह अछि अपन मिरानिसे संगठन के आधारभूत खाँचा के मजगूत करय के लेल आवश्यक कदम उठाउ आ मानव श्रृंखला के जाल गाम सँ पंचायत , पंचायत सँ प्रखंड , प्रखंड सँ जिला आ जिला सँ सम्पूर्ण मिथिला में गठन कय बिहार सँ लयक दिल्ली धरि शंखनाद कय सरकार के पृथक मिथिला राज्य के संबैधानिक दर्जा देबय लेल विवश कराउ।

हमर दिव्य स्वप्न 2019 के समय सीमा में जरूर साकार हएत तकर पूर्ण विश्वास अछि। आउ जागु मैथिल आ जगाऊ अपन हेरायल मिथिलाक धरोहर के बचाउ।
"माँ जानकी केर अछि पुकार, मिथिला राज्य हमर अधिकार"। जय मिरानसे जय मिथिला जय माँ जानकी।।

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