दुनिया में सबसँ बड़का रोग कि, की कहत लोग? कोना प्रतिक्रिया करत लोग ? लोकक काज छै निक बेजाए सोचब से सोच दियौ लेकिन अपन संकल्पित काज के प्रति ईमानदार कोशिस करैत रहबाक चाहि। ओ दिन बेसी दूर नहि जे लक्ष्य अछि समय सीमा के भीतर देखबै साकार हेबे टा करत।
ओना त परिवार में सेहो मतभिन्नता देखल जएत रहल अछि, जखन कोनो निक आ बेजाए विषय पर चर्चा करैत छी? चर्चा कयला सँ समाधान अबैत अछि लेकिन जखने विषयान्तर होयत अछि तखन घमासान सेहो होयत अछि। मुदा बुझ में आबि जएत छैक कि के विषय सँ भागि रहल छथि या टारि देबाक प्रयास क रहल छथि? समाज सेहो परिवारे सँ बनैत अछि तें एहने परिणामक अपेक्षा कमोवेश समाज सँ भेटत से बूझि लिय। लेकिन अपन डेग तखने रोकबाक अछि जखन लक्ष्य धरि पहुँच जएब अन्यथा कोनो तरहक विघ्न बाधाक मुँह तोड़ि जबाब देबाक सामर्थ राखक अछि।
मिरानसे( मिथिला राज्य निर्माण सेना) जेकर चर्चा आब मैथिल के मध्य मिथिला में खूब भ रहल अछि। जनमन में पृथक मिथिला राज्य निर्माण के लेल मिरानसे अपन नेतृत्व में संघर्ष करबा लेल माँ जानकी के सेना जेकाँ तैयार क जा रहल अछि। ओना मिरानसे केर स्थापना तिन साल पहिने दिल्ली में भेल छल आ तहिया सँ आई धरि छोटमोट बहुते रास प्रदर्शन आ धरना कतेको स्थान पर करैत रहलाह।
लेकिन पटना चिंतन शिविर के बाद लोकक सोच में क्रांतिकारी परिवर्तन देखल गेल। सहभागी लोकनिक वैचारिक क्रांति सँ समाज में जनक्रांति के वातावरण तैयार भ रहल अछि। जनक्रांति एकटा आंदोलन में परिवर्तित भ आगामी दरिभंगा 8-9 नवंबर दू दिनक महाअधिवेशन बिहार सँ मुक्ति के लेल गर्जना हएत। जेकर सूत्रधार मैथिलगन स्वयं हेताह। गर्जना सँ सुतल शासन प्रशासन के आँखि खोल पर मजबूर होब पड़तानि। मिथिला राज्य हमर अधिकार अछि आ हम लक रहब।
"आब मानि जाऊ" नहि त बाद में पछतेबा सँ कोनो लाभ नहि भेटत। आऊ एकजुट प्रयास कय माँ जानकी केर भूमि के बिहार सँ मुक्त कय अपन कर्ज के चुकता करू। मातृभूमि केर आजादी लेल राज्य सरकार सँ लक केंद्र सरकार धरि मिथिला राज्य के संबैधानिक दर्ज देब पर विवश होम पड़तानि।
जय हो मैथिल जय हो मिथिला जय माँ जानकी।
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