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Tuesday, June 14, 2016

"पेट में खर नहि सींग में तेल"/ अनर्गल कुतर्क बाला गप्प सँ नहि आब जंग के बिगुल बाजि गेल, एकजुट प्रयास करियौ।

मिथिलाक फ़ास्ट फ़ूड दही चुरा चीनी प्रसिद्ध अछि ते बुझना जएत अछि जेना एतौका लोक दही-चुरा खा केँ अपन खुनक गर्मी खत्म भ गेल छनि या कोकैनि गेल छनि। मिथिलावासिक निष्क्रियता रूढ़िवादिता स्वहित पोषण के कारणे मिथिला समाज अपन दुर्दशा पर हक्कन कनैत रहल अ एखनहुँ कानि रहल छथि। जनमानस केर विकास आ सामाजिक विकास पर  शासन आ व्यवस्था कहियौ गम्भीर नहि रहल। विकास के परिधि सँ मिथिला सभ दिन उपेक्षित रहल।

दोसर सबसँ पैघ समस्या एतौका लोक के छै, जे रहय छै कीछो नहि मुदा बड्ड बजबाक आदत होय छैक। छुच्छे गप्प हाँकेनाइ हिनकर स्वभाव में छनि। चुनौतिक सामना करबाक चाहि मुदा तकर साहस जुटेबा के प्रयास नहि करताह मुदा हतोत्साह करबा में कनिको पाछु नै रहैछ। संकट सँ सामना करबाक क्षमता जेना बिसरा देने अछि। आर जँ कियो आगु आबि किछू मिथिलाक हित के लेल संघर्ष करबा लेल एकजुट होबाक आग्रह करैत अछि तखन अनर्गल तर्क कुतर्क कय असल मुद्दा के खदिया में झाँपि देबय चाहै छथि।

बिना आन्दोलन के सहज रुपे कियो नहि पृथक मिथिला राज्य देत किएक त मिथिला बिहार के लेल मान सम्मान या नाक छैक। बिहार के लेल संबैधानिक मजबूरी छैक लेकिन सरकार पिछलग्गू बनाकय राखय चाहैत छथि। अपन मान सम्मान आर माँ जानकी भूमि केर बिहार सँ पृथक राज्यक संबैधानिक दर्जा भेटय ताहि हेतु समर्पण भाव सँ संगठित भ संघर्ष करि तखन परिणाम आशानुरूप हएत। सबहक साथ हएत तखने सबहक समग्र विकास हएत। 

एकटा आउर प्रमुख कारण मिथिला के विकास के लेल जरुरी छै,जेना धानक बिया के एक जगह सँ उफारि कय दोसर जगह रोपला सँ ओकर समग्र विकास होय छैक जेना पैघ गाछक निचा में छोट गाछ कखनो निक जेकाँ विकसित नहि भ सकैए तहिना कथित मिथिला राज्यक विकास तखने स्वस्फुर्ती आ समग्रता सँ हएत जखन बिहार सँ पृथक मिथिला राज्यक संबैधानिक दर्जा भेट जएत। पटना चिंतन शिविर में ठोकि बजाकय अभियान के सिद्धांत, भविष्य के कार्यक्रम और संगठनात्मक खाँचा पर विमर्श सुखद आ सराहनीय रहल। बस आब अनर्गल दुष्प्रचार नहि हमरा सभ के सामूहिक लेल गेल निर्णय के सम्मानपूर्वक आत्मसात करबाक चाहि आउर एकजुट भ कदमताल कय कुम्भकर्णी सरकार के जगेबाक प्रयास करबाक चाहि।

जनिकर रोम रोम शिवमय अछि।
वएह विष ग्रहण करैत अछि।।
दुनिया की जरैत हिनका,
जनिकर श्रींगारे अंगार होयत अछि।। हर हर महादेव।।
जय मिथिला जय माँ जानकी।

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