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Thursday, May 19, 2016

राजस्थान: सुचना के अधिकार को कुचलना क्या प्रदेश के लोगो के साथ धोखा है ?

राजस्थान के स्कूलों में 8वीं कक्षा में सुचना के अधिकार का एक पूरा पन्ना था जिसमे बताया गया था कि कैसे RTI के जरिये गरीब किसानो की जिंदगी बदली है ? कैसे मनरेगा में भ्रष्टाचार रुका है ? कैसे सरकारी योजना से जुड़ा कोई भी सबाल किया जा सकता है ? जबाब हासिल करना उसका हक है ! वसुंधरा सरकार ने RTI का पूरा पन्ना ही सिलेबस से बाहर कर दिया है !

8वीं कक्षा के सामान्य विज्ञान किताब में सुचना के अधिकार के स्थान कानून में भारतीय न्यायपालिका का अध्याय जोड़ा गया है ! जोड़ने के लिए RTI का पुराना अध्याय खत्म कर दिया है ! सुचना के अधिकार के बारे में जानेगे ही नही तो कोई सबाल कहाँ से करेंगे ? अधिकार तो तब मिलेगा जब उनकी जानकारी होगी और जब उसके बारे में पढ़ेंगे ?

वसुंधरा राजे की सरकार आने के बाद ही आरोप लगने लगी है कि बीजेपी के राज्य में सुचना का अधिकार को सबसे ज्यादा कुचला है ! बीजेपी के हुकूमत ने सुचना के हक हजारो आवेदन दबा रखे है ! सरकार के कई विभागों में 80000 से ज्यादा आवेदन धूल फ़ाँक रहे है ! कितने पर जुर्माना भी लगा रखा है  लेकिन कोई भरने को तैयार नही है ! अपील पर सुनबाई के लिए दो दो साल इन्तेजार तक करना पड़ता है ! राजस्थान में सुचना के अधिकार का इतना बुरा हाल है कि राजस्थान में 2करोड़ से ज्यादा धन राशि सरकारी अधिकारी से बतौर जुर्माना लेनी है और उन्होंने उन आदेशो को रद्दी के टोकरी में फेंक दिया है। इससे आगे का अधिकार सुचना आयोग के पास है नही !

क्या सरकार की मंशा घोटालों की फाइलों को दबाने की है ? जितना सुचना आयोग का बजट है उससे ज्यादा जुर्माना आना है ! इसीलिए सरकार RTI के पढ़ाई पर ही ताला लगा दिया है ! आम आदमी के हाथ में आए सबसे शक्तिशाली हथियार को अपने हाथ में ले लिया है ! ना खाता ना बही, जो महारानी कहे वही सही !

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