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Friday, March 11, 2016

कन्हैया अगर देशद्रोही है तो राज ठाकरे क्या ?

हम लेके रहेंगे आजादी☺
कन्हैया के विचार भारत देश से गरीबी, भुखमरी, लाचारी, भेदभाव, मनुवाद, आदि से आजादी समाज विरोधी तो नहीं हो सकता।अगर 28 साल का नवयुवक यह मामला उठा रहा है, सोंचने की उम्र पैदा होते ही नहीं आ जाती है। याद रहे देश में 65% आबादी नवयुवकों की है। कन्हैया जिस समाज से है, उसकी कुल आबादी का 85% है, यानी, हिन्दुस्तान के बहुतायत में लोग उसके विचारों से इत्तेफाक रखते हैं।
MNS प्रमुख के जहरीला व्यान

अब सबाल यह है की उन तमाम बीमारियो से आजादी माँगना देशद्रोही है तो MNS प्रमुख राज ठाकरे का जहरीला जुबान दंगे फसाद आगजनी बाल व्यान क्या है ? गैर मराठी ऑटो रिक्सा अगर दिखाई दे तो उसमे से सबारी को उतारकर उसे आग के हबाले कर दो। और भी कई राष्ट्रविरोधी बाते खुलेआम कहा। क्या आज के दौर में यह सन्देश देश में अमन शांति का प्रतीक माना जायेगा। है किसी सरकार में कुब्बत उन्हें कम से कम बोलकर ही विरोध करे।
सत्ताधारी दल की पक्षपातपूर्ण रबैया
कहाँ सो गई देशभक्ति ? क्या इस तरह के जहरीला भाषा से खून में उबाल नही आता ? मुर्दो के बस्ती में रहते हो क्या, अबतक सरकार के तरफ से राष्ट्रवादी लोगो की जुबान बन्द क्यों है ? ये दोगला चरित्र देश के 85% लोगो को समझ में आ रहा है। बस कन्हैया कन्हैया खेलते रहो, आने बाला विधान सभा का परिणाम साबित कर देगी जब दिल्ली बिहार की तरह बाकी राज्य से भी कूड़ेदान में फेंक दिए जाओगे।
ये वो जां है कि, जहाँ मेहरो वफ़ा बिकते है,
बाप बिकते हैं और लख्त-ऐ-ज़िगर बिकते हैं,
कोख बिकती है, दिल बिकते हैं, सर बिकते हैं,
इस बदलती हुई दुनियाँ का ख़ुदा कोई नहीं,
सस्ते दामों में हर रोज़ ख़ुदा बिकते हैं.......
जय हिन्द। जय भारत। हम लेकर रहेंगे..☺☺
, http://www.bhadas4media.com/tv/8987-arnab-par-vaidik-ka-gussa
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