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Thursday, March 10, 2016

श्री श्री बाबा: सांस्कृतिक उत्सव नही रविशंकर का सांस्कृतिक प्रदूषण है

आर्ट ऑफ़ लिविंग के 35वीं वर्षगांठ पर विश्व सांस्कृतिक समारोह
आजकल साधू सन्तों के लिए दिल्ली की यमुना चर्चा के केंद्र बने हुए है। श्री श्री रविशंकर जी की आर्ट ऑफ़ लिविंग की 35वीं वर्षगांठ पर भव्य आयोजन होने जा रही है। दुनिया का सबसे बड़ा सांस्कृतिक कार्क्रम तिन दिन तक चलेगी जिसे गिन्नीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करबाने की सोच है। कार्यक्रम में हिस्सा लेने प्रधान मंत्री मोदी जी भी जायेगे। 155 देशो के प्रतिनिधि विश्व शांति सम्मेलन में हिस्सा लेने जा रहे है। विश्व सांस्कृतिक समारोह 11 से 13 तारीख के बिच आयोजित किया जायेगा। इतिहास में पहली बार 67 एकड़ में फैले इस आयोजन में  7 एकड़ में तो सिर्फ एक भव्य मन्च का निर्माण किया गया है जहाँ करीब 37000 लोग अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में रूस क्र डांसर, आर्जन्टीना के टैंगो डांसर, चीन के समिंग वांग की झलक भी देखने को मिलेगी इसके अलाबा भारत के ही तमाम राज्यो के सांस्कृतिक झलक देखने को मिलेंगे।
NGT ने आयोजन स्थल से नाखुश लगाई 5 करोड़ जुर्माना राशि
सबाल यह है की इतने बड़े आयोजन के लिए नियम कानून की अनदेखी क्यों की जा रही है ? पर्यावरण के लिए घातक बताते हुए देश की अदालत NGT ने 5 करोड़ के जुर्माना राशि के साथ आयोजन को हरी झण्डी दिया है । लेकिन गुरु जी जेल चले जायेगे परन्तु जुर्माना राशि नही जमा कराएँगे ऐसा उन्होंने बोला है। अब दिल्ली पुलिस की बारी है की क्या वो बिना सर्टिफिकेट के आयोजन होने देंगे या बाबा जेल जायेंगे ये आज पता चल जायेगा।  एक ओर जबकि श्री श्री अक्सर पर्यावरण के प्रति खुद को समर्पित होने की दावा करते और दूसरी ओर सिर्फ दुनिया के लोगो के सामने अपनी ब्रांड चमकाने के लिए यमुना को प्रदूषित करेगे क्या ये दोहरा चरित्र नही है ? 20,000 विदशी मेहमानों के लिए 35,000 गाने बजाने वालों का जमावड़ा , कल्चरल फ़ेस्टीवल के नाम पर गिनीज़ बुक मे रिकार्ड बनाने की अड़ियल होड़ मची हुई है। सच ही कहा गया है कि घमंड सबसे बड़ी बीमारी है, और तथाकथित आध्यात्मिक घमंड उससे भी बड़ी व्याधि।
कन्हैया को तो मोदी ने तार दिया मोदी को शायद जमुना मैया तार दे। फिर 155 देशों से लोग आ रहे हैं मोदी मौका कैसे चूकें जब कि मार्केटिंग का बना बनाया प्लेटफार्म तैयार है।और फिर माँ ने तो बुलाया था मौसी तो बगल में ही बह रही है,अपमान न होगा।
रामदेव बाबा मन मसोस कर बैठे हैं। उनके रहते श्री श्री सर्व श्री हुए जा रहे हैं। उनके फेंफडे फुलाने पिचकाने से मोदी जी कहाँ से कहाँ पहुच गए। अगली बारी उनके आयोजन की है, बस कुछ दिनों बाद आप रामदेव का नंगा नाच देखेंगे , गंगा या यमुना किनारे।
घोषणा का इन्तजार कीजिये....और सेना को पंडाल लगाने को तैयार रखिये।
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