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Wednesday, January 13, 2016

सास बहु और साजिस ही क्यों ? समाज में सीरियल का गहरा प्रभाव। Serial influence in society

बिजनोर की उस बहु ने वहशीपन की हद पार कर दी उसकी बेरहमी का वीडियो देखकर रूह काँप जाती है। वैसे ये वीडियो चोरी छिपी ली गई है पर जब इसकी खुली तौर पर पड़ताल की गई तो रिश्ते की कई परत खुल कर सामने आई । सास बहु के ऐसी कहानी जिसका कोई ओर ना था और ना छोर । एक बहु के दिल में सास के लिए इतनी नफरत पहले कभी नही देखा गया। इलेक्टिक हीटर, सिलबट्टे की पत्थर,गले में कपड़े फंसना और क्रूरता से हमलावर होना यह देखकर जानवर भी शर्मा जाय। हो सकता ही सास में मुह से कभी गाली निकल गई होगी , कैसा अजीब है ये रिश्ता है । बात बिजनोर की हो या कोडरमा की सास को जानवर के तरह पीटना, बिस्तर से घसीटकर निचे गिराना, पैरालिसिस से ग्रस्त बेचारी औंधे मुह निचे जमीन पर गिर जाती है परन्तु बहु पत्थर दिल है जो पिघलना नही था सो नही पिघली ।
तस्वीर देखकर मन कसैला हो जाती है , मन खट्टा हो जाता है। परन्तु जितना कसैला आपका मन हुआ उतना कड़वा ये रिश्ता होता है । पता नही इस रिश्ते का मर्म क्या है कि दिल से दिल कभी जुड़ता ही नही ? नए पुराने जितने भी कहानियां सुन लीजिये इस बस्ती की या उस बस्ती की , आमिर की या गरीब की , पूरब की या पश्चिम की सास बहु के बिच में शर्म की लकीरे हर लोक में मिल जाती है ।
एक सबाल मेरे मन में आता है की पिछले पचास वर्षो में सास बहु के बिच में साजिस को ही हकीकत क्यों मान लिया जाता है ? कही भी झांक कर देख लीजिये सास बहु का रिश्ता एक साजिस ही क्यों ?
बहु मतलब सास और नन्द के मिलीजुली सरकार में आजीवन विरोध वाले विपक्ष के भूमिका में ही रहेंगे । आतंक ऐसा है की उसकी मुक्ति की तालाश में बहु हद से निचे तक गिर जाती है । रिश्ते में इतनी दीवारे होती है की उसको लांघना और निभाने में पुरे साँस निकल जाती है। एक बहु तो टेलीविजन का सबसे बड़ा चेहरा बन गई और आज के बहुमत वाली सरकार का हिस्सा भी है । मतलब सास और बहु रिश्तों के नाम पर समाज में साजिस ही ज्यादा नजर आती है, कही बहु को जलाने, जहर खिलाने व फाँसी पर लटकाने बाली सास मिल जायेगी। मुकाबले में बहुओं के जोर भी कम नही है ।
टीवी धारावाहिक भी समाज में सास बहु के रिश्तों को पूरी तरह से खून ही किया है । अक्सर सास बहु के बाद साजिस व सस्पेंस ही क्यों  सुकून व  साथ क्यों नही जोड़ता ? शायद समाज में सही सन्देश जाता परन्तु बिकता है सो डालना पड़ता है। एक बहु किसी भी चैनल में नही दिखाई पड़ती जो घर के काम में मन लगाती हो सिर्फ घरो को तोड़ने फोड़ने का काम करती है । अगर टीवी धारावाहिक देखकर भारत के घरो के राय बनाने बैठेंगे तो घिन्न आ जायेगे रिश्तों से ।
[http://m.aajtak.in/video.jsp?id=850088] [सास के साथ बहू ने हैवानियत की हद पार कर दी :
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