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Sunday, August 11, 2019

हम हिंदी भवनसँ बाजि रहल छी

दिल्ली सरकार द्वारा मैथिली भोजपुरी अकादमीक स्थापनाक बाद सालमे दू बेर राष्ट्रीय कवि सम्मेलन गणतंत्र दिवस आ स्वतंत्रता दिवसक उपलक्षमे मनाओल जाएत अछि। से अहुबेर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रक हृदय पर अवस्थित हिंदी भवनमे मैथिली आ भोजपुरी राष्ट्रीय कवि गोष्ठीक आयोजन कएल गेल।

मैथिली साहित्य प्रसिद्ध विद्वान आ जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालयक प्राध्यापक डॉ देवशंकर नवीन जीक अध्यक्षता आ भोजपुरीक युवा साहित्यकार मुन्ना पांडेयक संचालनमे कार्यक्रम शुरू भेल। दुनु मिलाकS करीब दू दर्जन कवि आ कवियत्री लोकनि अपन अपन कविताक प्रस्तुत कए खचाखच भरल सभागारकेँ आह्लादित कएलनि।

दिप प्रज्वलित सँग साहित्य कला परिषदक कलाकार द्वारा जण गण मन फेर जयजय भैरवी आ फेर लोकगीतक मधुर गायन सँग कार्यक्रमक आरंभ कएल गेल। मुन्ना पांडेयक संचालकीय उद्बोधनक शुरूआतेमे मैथिलीक स्वंतत्र टुडे पत्रिकाक पत्रकार द्वारा संचालन मैथिलीमे होय ताहिलेल व्यवधान शुरू कS देल जेकर देवशंकर नवीन जी द्वारा थोड़ थाम कएल गेल। माँग भरिसक उचित रहनि मुदा स्थान आ समय अनुचित मानल गेलनि।

भोजपुरी कविता सब सेहो राष्ट्रीय भावना आ समकालीन समस्यासँ ओतप्रोत छल। तहिना मैथिलीमे द्वै रंगक कविता पढ़ल गेल। मैथिलीक श्रेष्ठतम कवि रमन कुमार सिंह अपन कवितासँ समकालीन समाजकेँ सोचबाक लेल विवश कएलनि। ओतय स्वाति शाकम्बरी, सदरे आलम गौहर, मैथिल प्रशांत, शंकर मधुपांश, मुन्नी कामत, जयंती झा, नीतीश कुमार आदिक प्रस्तुति संतोषजनक रहल। अपन कविता सँ एकबेर फेर राष्ट्रीय मंच पर प्रभावित कएलनि समकालीन कवियत्री रोमिशा झा।दिल्लीक कोनेकोन सँ आएल दर्शकक हुजूम कार्यक्रमक सफलताक निशानी छल।

मैथिली भोजपुरी अकादमीक उपाध्यक्ष नीरज पाठकक सानिध्यमे आयोजित अहि कार्यक्रममे एकटा चीज फेर एकबेर अखरल। मैथिलीक अपन एकटा क्षेत्र चिन्हित छैक चाहे ओ ग्रियर्सन द्वारा सर्वे केS अनुसार हुए वा पौराणिक आधार पर, भाषाकेँ नाम पर मैथिलीक बहुत बोली भS सकैए। तँ विगत कएक बेर सँ ई देखल गेल अछि जे अकादमी द्वारा विस्तृत मैथिली क्षेत्रकेँ समेटबाक प्रयास कएल जाएत अछि से सराहनीय अछि।

मुदा कवि मंच पर अएलाक बाद अपनाकेँ मैथिल कवि नहि कहिकS मैथिली भाषाकेँ सँग सँग दिल्ली सरकारक अकादमीक अपमान सेहो कS जाएत अछि। आओर दुर्भाग्यवश अहि पर नहि कोनो चर्च आ नहिए कियो झंडा उठबैत अछि। अहिबेर सेहो मिथिलाक सुलतानगंज भागलपुर क्षेत्रसँ आएल सुधीर कुमार सिंह नामक एकटा कवि आमंत्रित छलाह, जे मैथिलीमे सुंदर सन राष्ट्रभाव सँ ओतप्रोत कविता तँ सुनौलनि। लेकिन कविताक प्रस्तुतिसँ पहिने अपन कविता आ परिचय पर अंग महाजनपद आ अंगिका हेबाक मोहर लगेलनि।

ई तँ सरकार द्वारा स्थापित कएल गेल मैथिली भोजपुरी अकादमी द्वारा मैथिलीकेँ सुधीर कुमार सिंह द्वारा खण्डित करबाक काज कएल गेल। समग्र मैथिली वृहत्तर मैथिली लेल एखन चारु कात विमर्श चलि रहल अछि, एहनमे मिथिलाक कवि सुधीर कुमार सिंह द्वारा अपन मैथिली कविताकेँ अंगिका कहब आ सेहो राष्ट्रीय मंच सँ हमरा दृष्टिए कतहुँ सँ उचित नहि अछि। अकादमीकेँ अहि पर विचार करबाक चाहि आओर भविष्यमे पुनरावृत्ति नहि होय तकर खियाल राखक चाही।

एखन एतबे आ आने बेर जकाँ स्वतंत्रता दिवसक उपलक्षमे आयोजित राष्ट्रीय कवि सम्मेलन सफलताक कीर्तिमान तँ गारबे कएलक आओर एहिलेल अकादमीक उपाध्यक्ष नीरज पाठकक सहित समस्त कार्यकारिणी बधाई केर पात्र छथि।

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