मिथिला राज्यक एकटा समृद्धशाली व पावन जप तप भूमिक चर्चा देश रुपे अदौकाल सँ पृथ्वी लोक आ देवलोक दुनु में पसरल छल। माँ जानकीक मिथिला विदेह राज जनकक गौरवशाली इतिहास थिक जकर साक्ष्य पौराणिक ग्रन्थ में उद्धरित थिक। जाहि मिथिलाक गुणगान समस्त लोक में होय छल तकर आजादी सँ लSक वर्तमान धरि सरकारी उपेक्षाक केंद्र बना देल गेल। अतीत के अद्भुत तंत्र के बचाबय हेतु, साँस्कृतिक धरोहर के सहेजक लेल संघर्ष करS पर पर विवश होमS पड़ि रहल अछि। मिथिलाक गौरवगाथाक इतिहास आ भूगोल देखि स्वयं के धन्य मानैत छी। हमर सबहक सांस्कृतिक विरासत दू देश धरि पसरल अछि। हम बात कय रहल छी नेपालक 7 गोट जिला जतय अपन मैथिल भाई बन्धु रहैत छथि। नेपाल आ भारतक मैथिल में बेटी रोटिक सम्बन्ध थिक। ओ सभ कोनो आन नहि थिक अपने समाजक लोक जे सीमावर्ती क्षेत्र सँ सटल नेपाल सरकार के क्षेत्र में रहय छथि मुदा हमर संस्कृति सभ्यता के प्रसार प्रचार समस्त नेपाल में कएने छथि आ कय रहल छथि। सौभाग्य देखु जानकी जीक मन्दिर नेपाल में, जखन कि हिनकर घर सीतामढ़ी मिथिला में छनि, धनुखा नेपाल में जतय राजा जनक सीता स्वयंवर हेतु धनुष यज्ञक प्रण कएने छलाह आ फूल लोढ़ लेल मधुबनी, मिथिला में जाएत छलीह आरो बहुते रास प्रकरण थिक जे अदौकाल सँ नेपाल आ भारतक बिच सुमुधर सम्बन्धक तरफ इंगित कय रहल अछि। ते ई हमर सबहक दायित्व अछि जे मैथिल अपने सबहक सर समाँग, समाजक लोक थिक चाहे वो कोनो आने ठाम किएक नहि रहय?
राजनितिक उपेक्षित मिथिला के सम्बन्ध में मैथिल राजनेता के जतेक भर्त्सना कएल जाए कमे बुझु। शुरुए सँ एतोका नेतागण आन प्रदेशक नेताक पिछलग्गू रहलाह आ एखनहु कोनो बेसी परिवर्तन नहि भेल अछि। हिनका सभ के अपने पेट पहाड़ छनि। भारतीय राजनीति के षड्यंत्रक शिकार मिथिला साल धरि साल अपन विरासत में भेटल यश वैभव समृद्धि सँ नीचा खसैत चलि गेल आ एखन त परिस्थिति अत्यंत दयनीय भ चुकल अछि। मिथिला राज्यक परिकल्पना भारतक आजादी सँ शुरू भ गेल छल मुदा राजनैतिक महत्वाकांक्षी षड्यंत्र के कुचक्र में सदैव ओझराबैत रहल। पहिने भाषाके नाम सँ षड्यंत्र कएलक मुदा अटल जीक सरकार 22 दिसम्बर 2003 में प्रमुख संबैधानिक व्यवधान समाप्त कय देलाह। लेकिन तेरह साल सँ बेसी समय बीत भेलाक बादो षड्यंत्रकारी लोकनिक षड्यंत्र अविरत जारी रहल अछि। कखनो अँगीका भाषाक आगू आनि ठाड़ करैछ त कखनो बज्जिका भाषा राखि असली मुद्दा सँ भटकेबाक दुष्चक्र कय मैथिली बाहुल्य भाषायी क्षेत्र के उपेक्षा करैत रहलाह अछि। एकर सबसँ प्रमुख कारण मैथिल राजनीतिज्ञ छथि जे अपन गोटी सुतारय में विदेह राज जनकक प्रतिष्ठा के कनिको धियान नहि राखि रहल छथि आ अपन मातृभूमि केर दोकान बूझि नफा नोकसान में लागि मिथिला क्षेत्र में अत्यधिक हानि पहुंचेबाक प्रयास आ स्वहित पोषित में लागल रहलाह अछि। जखन कि बिहार में आधा सँ बेसी जिला मिथिला में पड़ैत अछि तदोपरांतो मिथिलाक क्षेत्रक अनदेखी होयत रहल अछि। मुदा वर्तमान में हवाक दिशा बदलि रहल अछि।
हमरा सबहक स्थिति में लगातार गिराबट के किछु प्रमुख कारण पर @Kripa Nand Jha (प्रोफेसर कृपानन्द झा) जीक रिपोर्ट अछि जे आर्थिक रुपे जतय हमरा सब 1965 में समस्त भारतक प्रति व्यक्ति आमदनी 1 रुपैया छल तखन मिथिलाक 71 पाय प्रति व्यक्ति आमदनी छल से घटि कय 2011 धरि आबि 19 पाय रहि गेल अछि। ई कोनो सुनल सुनएल गप्प नहि थिक। एकगोट सर्वेक्षणक रिपोर्ट के अनुसार डाटा अछि जकर सर्वेकर्ता छलाह सुब्रह्मण्यम स्वामी आ हिनकर चेला लोकनि। आशय ई अछि जे पछिला 50 साल में मिथिलाक आर्थिक स्थिति खराब होयत गेल आ सरकार आँखि मुनि पड़ल रहलाह। वर्तमान आर्थिक रिपोर्ट अहु सँ खराबे हएत तकर आकलन परिस्थिति देखि बूझि सकैए छी। मिथिला क्षत्र सँ टैक्स के नाम सँ कएल गेल उगाहि सँ कम खर्चा मिथिला में करैत अछि आ बाँचल पाय के उपयोग दक्षिण बिहार में करैत अछि। उद्योग धंधा त उजाड़ भेल पड़ल अछि कारण समुचित संसाधनक घोर अभाव। उद्योग धंधा के लेल बिजली पहिल आ प्रमुख आवश्यकता थिक। थर्मल पावर प्लांट जे बरौनी अछि, कांटी आ रीवा में छल ओ कोयला आधारित बिजली उत्पाद करैत छल। नितीश जी 15 साल सँ कोल इंडिया के राशिक भुगतान नहि कएलक, कहलाह जे लालू प्रसाद भुगतान नहि कएलाह ते हमहू नहि करब आ एकरा छोड़ि बक्सर आ बाढ़ में बनेलक। कनि सोचु कि जखन एकटा प्लांट अछिए तखन मिथिला छोड़ि बिहार में लगेबाक कुन प्रयोजन? एकटा आर समाचार आएल जे बरौनी थर्मल पावर के बाढ़ में विलीन कएल जाएत माने बरौनी के बन्द कएल जाएत। बिजली के उत्पाद जे लगभग 1600 मेगावाट छल से घटिकS 240 मेगावाट रहि गेल। एहन में कुन उद्योग धंधा स्थापित हएत जतय बिजली के अनिश्चितता रहत?
मिथिलाक आर्थिक खाँचा पर अहि सभ प्रकारे प्रहार भ रहल अछि। बिहार सरकार अपन सभटा उद्योग धंधा दक्षिण बिहार में स्थापित कय रहल छथि। कारण हिनका आभास भ गेल छनि जे मिथिला राज्य हमरा आई नहि काल्हि छोड़हि पड़त। तेँ मिथिला क्षेत्र में कोनो तरहक विकासक कार्य नहि कय रहल अछि। अंततोगत्वा दू टा सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी देने छलाह एकटा बेतिया आ दोसर चंपारण में से जा धरि उठाकय गया नहि ल गेलाह ता धरि ओकर एकेडमिक सत्र चलS नहि देलकै। आ वर्तमान में जे एकगोट दरिभंगा केर IIIT छल सेहो उठाकय बेहटा स्थान्तरित कS देलक आ हम सभ निरीह जेकाँ छोट छिन धरना कएलहुँ मुदा ओकरा रोकि नहि सकलहुँ। कहबाक तातपर्य अछि जे मिथिला सँ एक एक चीज ल जा रहल अछि ,पलायन भ रहल अछि।
दोसर चौंकाबय बाला रिपोर्ट अछि शैक्षणिक संस्था के लSक मिथिला जे शिक्षाक केन्द्र छल बिहार सरकार सबटा तहस नहस करय पर तुलल छथि । एखन मिथिला में 1 करोड़ 3 लाख छात्र पर एकगोट विश्व विद्यालय छैक जखन कि भारत के आन राज्य में 21 लाख पर छैक। जखन कि सर्वे रिपोर्ट 2011 के थिक आ एखन पहिने के वनिस्पत संख्या आरो बढ़िए गेल हएत। हमरा सबहक शिक्षाक स्तर जे मूल आधार छल से चौपट कएल गेल आब हम सभ मजदूर बनि मात्र दोसरक गुलामी कय जीवय लेल मजबूर भेल छी। ई थिक मिथिलाक विडम्बना बिहार सरकारक अनदेखी केर रिपोर्ट जे सत्ते अंग्रेज जेकाँ भागय बेर लूट खसोट करय में लागि गेल छथि। आब बेसी दिन बरदास्त कएनाइ मिथिला क्षेत्रक हित में नहि अछि?
मिथिलाक सपूत जागि गेल अछि। मिरानिसे के नेतृत्व में सदस्य्ता अभियान तेजी सँ आगू बढ़ि रहल अछि। राष्ट्रीय महा सचिव सँग अध्यक्ष आर सेनानी लोकनि अपन सम्पूर्ण शक्ति जन जागरण लेल झोंकि देने छथि। गामे गाम लोक के मिथिला राज्य स्थापनाक महत्व आ अभियान के रुपरेखा पर चर्चा करैत लोकक अपार समर्थन भेट रहल छनि। 8-9 नवम्बर दरिभंगा महा अधिवेशन में बिहार सरकार के जन विरोधी कृत्व हेतु हुँकार रैलीक जबरदस्त उत्साह देखल जा रहल अछि। माँ जानकी जेना साक्षात अहि आन्दोलन के नेतृत्व कय रहल छथिन, से जन सम्पर्क अभियान में समर्पित कार्यकर्ताक उत्साहित संख्याबल के देखि बुझना जाएत अछि।
जय मिरानिसे जय मिथिला जय जानकी।
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