रेलवे की खजाना भरने के लिए आम आदमी पर बढ़ते बोझ:
रेलवे के मुसाफिर को कन्फर्म टिकट की वायदों के साथ शुरू की थी प्रीमियम ततकाल की व्यवस्था। ततकाल टिकट में दलालो का बोलबाला था, प्रीमियम ततकाल से थोड़े पैसा ज्यादा देकर रेलवे ने कन्फर्म टिकट का वायदा किया था। अब पता चला है की मुसाफिर पहले की तरह ही परेशान है सिर्फ रेलवे की कमाई बढ़ गई। अभी गर्मी छुटियाँ चल रही है और बहुत ही पिक सीजन चल रही है । ऐसे में ट्रेन में कन्फर्म टिकट मिलना आसान नही होता । पहले मुसाफिरों से इस मजबूरी का फायदा एजेंट उठाते थे अब रेलवे ने खुद इसका ठेका ले लिया है।
प्रीमियम ततकाल आम जनता के साथ छलाबा
प्रीमियम ततकाल के नाम पर साधारण किराया से 3 से 5 गुना ज्यादा वसूला जा रहा है। प्रीमियम ततकाल टिकट से ज्यादा सस्ता हवाई यात्रा होता है। इसको कुछ यूँ समझिये स्लीपर क्लास का नॉर्मल किराया 265/- रुपैया है तो प्रीमियम ततकाल का किराया 5 गुना बढ़कर लगभग 1000/- तक हो जाता है। सेकंड एसी का कई बार प्रीमियम ततकाल किराया हवाई जहाज से भी ज्यादा होता है। इससे ज्यादा आसानी से समझने के लिए मान लीजिये आपको इंदौर से मुम्बई के सफर पर निकलना है। 3rd एसी का ततकाल प्रीमियम किराया 3980/- रुपैया है सेकंड एसी का किराया बढ़कर 4535/- हो जाता है। जबकि इंदौर मुम्बई की हवाई टिकट 4000/- रुपैया है। हवाई जहाज से भी महँगी है ट्रेन यात्रा। जबकि ट्रेन से सफर में 14 घण्टे लगते है जबकि हवाई जहाज से 3 घण्टे लगते है। ये किसी एक रुट की बात नही है तकरीबन सभी रूट में प्रीमियम ततकाल के लिए ऐसे ही व्यवस्था है।
क्या है खेल प्रीमियम ततकाल की
ट्रेनों की ततकाल टिकट यात्रा दुरी और ट्रेनों में उपलब्ध टिकट के हिसाब से होता है। प्रीमियम टिकट में जैसे जैसे सीट कम होती रहती किराया बढ़ता जाता है। जरा समझने का प्रयास करे की प्रीमियम ततकाल कैसे बढ़ा रहा यात्रियों पर बोझ ? जिन ट्रेन में ततकाल की सीट होती है उनमे से 50% नॉर्मल ततकाल से बुक होता है, 20% टिकट प्रीमियम ततकाल से बुक होता है, प्रीमियम ततकाल में हर 10% सीट बुकिंग के साथ 20% किराया बढ़ जाता है।
प्रीमियम ततकाल रेलवे के लिए आम लोगो की जेब ढीली करने का प्रयास
यानि मान लीजिये प्रीमियम ततकाल में 100 सीटे है तो हर 10 टिकट के बाद किराया बढ़ता जाएगा। रेलवे डायनामिक टिकट के तहत ऐसे टिकट सिर्फ ऑनलाइन बुक किया जाता है और कैंस्लैशन पर कोई पैसे वापस भी नही की जाती है । 2014 में टिकट के मारामारी में प्रीमियम टिकट की बुकिंग जारी हुई थी। पब्लिक पहले की तरह परेशान है अंतर सिर्फ यह हुआ की रेलवे की कमाई बढ़ गई है।
No comments
Post a Comment