Latest News

Wednesday, March 2, 2016

सत्यमेव जयते, सच्चे का बोलबाला झूठे का मुँह कला/ Truth cannot hide.

कन्हैया को अदालत ने जमानत दे दी

"अबकी बार कन्हैया कुमार", देश की राजनीती की सबसे बड़ी चिंता है वो छात्र जिन्हें आजाद सोच के नाम पर सलाखों की कैद मिली है। JNU विवाद में सच को कितनी बुरी तरीके से कुचला गया है ये आज कोर्ट में पता चला और कन्हैया की जमानत मंजूर करनी पड़ी । 6 महीने के लिए अदालत ने कन्हैया को अंतरिम जमानत दे दी। जिस वीडियो के बल पर पुख्ता सबूतो की रट लगाईं थी वो झूठी निकली। झूठ किसी मामूली आदमी का झूठ नही है, खुद कमिसनर बस्सी उसके उस्ताद थे। बीएस बस्सी साहब जबतक दिल्ली पुलिस के कमिसनर रहे दिन में तिन बार कन्हैया के खिलाफ सबूत दिखाते थे, वो भी पुख्ता बाला। मगर इधर फेयरवेल फंक्सन खत्म भी नही हुआ था की डिपार्टमेन्ट ने उसकी बची हुई साख के बखिया उधेर दिया। कोर्ट में खड़े होकर दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा की माय लार्ड मेरे पास कन्हैया के खिलाप एक भी वीडियो सबूत नही है। सीधा मतलब ये हुआ की दिल्ली के भूतपूर्व कमिसनर बस्सी बिना किसी शर्म लिहाज के रोज अभूतपूर्व झूठ बोल रहे थे।

दिल्ली पुलिस कमिसनर बीएस बस्सी की खुली पोलपट्टी

अब बहानेबाजी पर उतार आया है दिल्ली पुलिस,इधर उधर की बात कर रहा है ?कह रही है की कुछ बाहरी लोगो ने देखा है कन्हैया को। जज ने पुलिसिया हेकड़ी के सारे पेंच ढीले कर दिए ,कहा बाहरी लोगो के लिए कन्हैया कैसे जिम्मेदार हो गया ? दिल्ली पुलिस को धोने के बाद अदालत ने कन्हैया पर 2 मार्च को फैसला सुना दिया जो अपेक्षाकृत सबको मालुम था।

छात्रो के साथ दाँव पेच महंगा पड़ा

दिल्ली पुलिस को देश प्रेम से खेलना बहुत भारी पर रहा है । दोषियों को अबतक गिरफ्तार नही कर पा रही है जिन्होंने JNU में भारत विरोधी नारे लगाये थे। कश्मीर के उन छात्रो की पहचान भी हो चुकी है, लेकिन उन्हें पकड़ने की छोड़िये, छूने की भी हिम्मत नही कर पा रही है। इतनी फजीहत होने के बाद भी पुलिस बाज नही आ रही है। हैदराबाद में राहुल, सीताराम येचुरी और केजरीवाल के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ है।

लोकतन्त्र का मजाक बना दिया देशद्रोह के नाम

एक बात तो माननी पड़ेगी हैदराबाद पुलिस, दिल्ली पुलिस, गृह मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय सबने मिलकर JNU और हैदराबाद यूनिवर्सिटी में पढाई का माहौल पूरी तरह चौपट कर दिया है। माँ बाप अब एक शानदार विश्व विद्यालय के नाम से डरने लगी है। ऐसे फरेब लोकतन्त्र से बड़े कीमत मांग लेते है।

« PREV
NEXT »

No comments

Post a Comment