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Tuesday, March 1, 2016

हरियाणा के CM खट्टर की खटारा पुलिस/ A little knowledge is a dangerous thing.

सैर सपाटे के लिए जाने जाते थे मुरथल
हरियाणा की शान कहते थे मुरथल को, हाईवे के चमचमाती ढाबा का वो नगरी आज सभ्यता के सबसे शर्मनाक दौर से गुजर रही है। आरक्षण आंदोलन के नाम पर कुछ गुंडों ने वो उत्पात मचाई है की इंसानियत शर्मशार हो गई है। मुरथल में महिलाओ को बंधक बनाकर रेप किया गया । पुलिस चुपचाप देखती रही और अब बीजेपी सरकार ने इसे दबाने के लिए पूरी ताकत झोंक दिए है।
पुलिस के सामने लूट और बलात्कार हुआ
हरियाणा का मुरथल विख्यात था सड़क किनारे अपने ढाबों के लिए, लेकिन अब वो कुखियात है ऐसी घटना के लिए जिसके ना तो पीड़ित सामने आ रही है और ना चश्मदीद क्योंकि बीजेपी सरकार और CM खट्टर की पुलिस ने उनका साहस तोड़कर रख दिया है। मुरथल के आसपास के खेतो में, ढाबो के पास सड़क किनारे मिले वैहिशियाने सबूत इनके लिए कोई मायने नही रखती। बीजेपी जे सरकार समझने को तैयार नही है की जिस पुलिस ने औरतो को नोंचने का लाइसेंस दिया उस पुलिस से इन्साफ की उम्मीद कोई कैसे करे ?  खट्टर सरकार ने खानापूर्ति करने के लिए हेल्प लाइन no लागु कर दिया, नाम जाहिर ना करने की भरोसा भी दे दिया लेकिन पुलिस पर ना तो पीडितो को भरोसा है ना चश्मदीदों को। इसीसे समझा जा सकता है की सरकार और पुलिस के भरोसे पर जनता कितना भरोसा कर रही है ?
प्रशाशन पर पीडितो को भरोसा नही
मामला ये है की जिस पुलिस के सामने घसीटकर औरतो कोे ले गई उसी पुलिस के हाथ जांच सौप दी, एक चश्मदीद ट्रक ड्राईवर जो पहले व्यान देने पर राजी भी था पर अब ओ मुकर गए है दरअसल मुरथल गैंग रेप पर कोई कुछ नही बोलता क्योंकि पुलिस पर किसी को भरोसा नही है, स्थानीय लोगों से दुश्मनी नही लेना चाहता, बलात्कार पीड़ित की कई कहानिया सामने आ रही है सुनकर रौंगटे खड़े हो जाते है।
खादी और खाकी ने मिलकर किया उत्पात
रिपोर्ट बताती है उन महिलाओ में से कोई भी सामने नही आना चाहती। आरोप लगा है की कई पीडितो को खट्टर की पुलिस ने इज्जत का हबाला देकर चुप कराया है तो कुछ महिलाये सदमे के वजह से कुछ बोलना नही चाह रही है। मुरथल की सच्चाई कम से कम पुलिस महकमे के सामने नही आनी चाहिए। मुरथल अब एक नगरी का नही इस देश के औरतों के लिए नासूर का नाम है।
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