सरस्वती पूजा संग्राम में धार को धधकाने की साजिस
चलिए मध्यप्रदेश के धार जिले में जहाँ सरस्वती पूजा के नाम पर संग्राम होने की आशंका है जहाँ एक ही दिन में सड़को पर तिन तरह के यानि तिन विचारधारा के लोग मिलते है। हर भीड़ के साथ यहाँ होने बाली अनहोनी की आशंका से काँप जाते है यहाँ के लोग। पहली भीड़ धर्म के नाम का नारे लगाते है, दूसरी भीड़ नियम कायदे के नाम की नारे लगाती है और तीसरा जत्था अमन के नाम की नारा लगता है। मध्य प्रदेश में भोजशाला के हर घर में एक भय समाया हुआ है। इस भीड़ की पहली तस्वीर देखिये जिसमे धर्म के पताका थामे खुली धमकी देते है और प्रशासन का हाथ इस चुनौती पर भी बंधे हुए है। धार को फिर से धधकांने की साजिस चल रही है,आप अंदाज नही लगा सकते की हिंदुत्व के नाम पर झंडा लहराने बाले लोग धार के हवा को कितना जहरीला बना दिया है ? एक नारे पर हजारो की भीड़ इकठ्ठा करने बाले सीधे सीधे धमकी दे रहे है और इस धमकी पर तालियाँ बज रही है। यह सिर्फ धमकी है जो सिर्फ महाराजा भोज उत्सव समिति और हिन्दू जागरण मन्च दे रहा है। पता नही 12 फरबरी को यानि कल क्या होगा ? कैसे होगी पूजा, कैसे अता होगी नमाज, क्या कोई बिच का रास्ता निकलेगा जब हफ़्तों पहले से पूजा के नाम पर बबाल काटने बालो ने तैयारी कर रखी है ?
धार में हिंदुत्व का शक्ति प्रदर्शन है
मोटरसाइकिल पर सबार नौजवान नारे लगा रहे थे,झंडे लहरा रहे थे, एक बड़े अनहोनी की आहट दिख रही है इस भीड़ में। इस रैली से धर्म की सहनशीलता सिरे से गायब है, गायब थी इसकी उदारता,गायब थी आदमी में अस्तित्व की इज्जत, धर्म के बुनियादी सिद्धांतो को रौंदते हुए निकली रैली से घर में कुण्डियाँ लग गई, स्कूलों में बन्दी के बोर्ड लग गया। शांति बहाल करने की हर कोशिस पर चोट करने की पूरी तयारी में है । धार को सुलगाने की साजिस करने बाले भोज उत्सव और हिन्दू जागरण मन्च 12 फरबरी को पुरे दिन पूजा करने पर अड़ा है ।
12 तारीख को बसंत पँचमी भी और शुक्रवार भी, हलाकि भोजशाला परिसर में पूजा और नमाज को लेकर पहले भी तनाव फ़ैल चूका है। 6 ये हुआ था की सुबह से बारह बजे तक हिन्दू पूजा करेंगे फिर मुसलमान नमाज अता करेंगे और फिर 3 बजे के बाद हिन्दू पूजा करेंगे लेकिन हिंदुत्व के ध्वजाधारि मानने को तैयार नही है। हिन्दू जागरण मन्च पुरे दिन पूजा करने पर अड़ा है। धार में इसी बात को लेकर 2013 में तनाव फैला था,स्थितियां इतनी बेकाबू हो गए थे कि सम्भालना मुश्किल हो गया था ।
पुलिस बालो की शांति बहाल के लिए फ्लैगमार्च
अब बात दूसरी भीड़ की करते है जो पुलिस की है और पहली भीड़ का जबाब है जो भोजशाला के आम जनता के दिलो में भरोसा जगाने के लिए सड़को पर उतरते है । भोजशाला में एक दिन की पूजा के नाम पर इतना हंगामा हो रहा है की पूरा जिला छावनी में तब्दील हो गया है। फिर भी लोगो को यकीन नही है कि माँ सरस्वती के नाम पर सियासत करने बाले का हाथ रोक दिया जाएगा। धार के लोगो का कड़े इम्तिहान का वक्त है ये । लोग घरो के खिड़की से झांक के देखते है, जिसे पुलिस और पूजा करने बालो के फ़ौज जनता को दहला देती है। पुरे धार को सील कर दिया है। 12 फरबरी की अपने घरो के अंदर ही रहने की सलाह दिया है। बाहर से आने बालो पर रोक दिया है, किसी अनहोनी घटना को रोकने के लिए 7000 जवान तैयार है। इलाके की लोगो ने कभी इतनी बड़ी संख्या में पुलिस बल को नही देखे है। सारा विवाद इसलिए है क्योंकि बसन्त पँचमी के दिन धर्म के धंधेबाज भोजशाला में माँ सरस्वती की पूजा करने के लिए। विवाद वर्षों से है, मामला अदालत में चल रहा है समाधान के तौर पर मंगल की पूजा और शुक्रवार की नमाज की बनाई गई थी, लेकिन शुक्रवार को बसन्त पँचमी पड़ने से मामला उलझ गया।
भोजशाला के भाईचारा के लिए धार के लोगो का प्रदर्शन
अब उसी धार का तीसरा कुनबा देखिये इसे हम भीड़ नही कहेंगे ये समाज है, सचमुच का समाज, जीने का तलबगार समाज, सपने देखने बाला समाज,प्यार करने बाला समाज, एक दूजे के सुख दुःख में सरीक होने बाला समाज, इस समाज के लोग भाईचारे की बात करते है । अजान और पूजा साथ करते है वो भोजशाला का अमन चाहते है। धार की ये है सच्ची तस्वीर जी ना भगवा झंडा लहराते उन्मादी भीड़ को देखना चाहती है, ना दिलो में प्रशासन की यकीन पैदा करने बाली पुलिस के बूटो की आवाज,ये अमन की आवाज है जिसमे पुरे धार की आवाज मिली हुई है। कुछ ऐसे लोग भी है जो भोजशाला के भाईचारा को मिटने नही देना चाहती है और ऐसे लोग सबसे बड़ी तादाद में है। इनमे औरते है, बच्चे, नौजवान, महन्थ, मौलबी और पादरी और उनकी आवाजे सबसे ऊँची है। तो एक कोशिस यह भी चल रही है की किसी भी हाल में धार की हालात को बिगड़ने ना दिया जाय। 12 फरबरी की इसी विशाल कुनबे के भरोसे धार की किस्मत होगी आशा करते है लोगो के बिच एकता और प्यार बना रहे।
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