Writen by
Rambabu
11:24 AM
-
0
Comments
बुलेट ट्रेन पर तकरीबन एक लाख करोड़ रूपया जापान से कर्ज लेकर मुम्बई और गुजरात के बिच के सफ़र आरामदायक बनाने बाली बीजेपी सरकार MCD कर्मचारी को पिछले तिन महीने के बकाया तनखाह पर क्यों कुछ ठोस कदम नही उठा रही है ? दिल्ली से अफगानिस्तान, पाकिस्तान, अमेरिका ,जापान तक जाकर बात की जा सकती है लेकिन दिल्ली से दिल्ली के MCD कर्मचारी के दयनीय हालात को सुध लेने की फुर्सत क्यों नही है । दूसरी और अरविन्द केजरीवाल अपने विधायक के तनखाह 400% बढाकर उनकी तनखाह का जुगार और प्रचार के लिए अनाप सनाप पैसे का जुगार कर लेते है लेकिन मजदूर के मजदूरी के लिए पैसे पर गोलमोल बाते करते है।
फ़िलहाल इन्होंने तिन दिन का हड़ताल की घोषणा की है अगर मांग नही माँगा गया तो बेमियादी हड़ताल पर चले जायेंगे। जंतर मन्तर पर MCD कर्मचारी हड़ताल पर बैठ गए है। सरकार काम करबाए जा रही है और वेतन के नाम पर सिर्फ आश्वासन मिल रहे है। अब सबकी सहन शक्ति जबाब दे गई है क्योंकि तिन महीने से तनखाह नही मिली है।
कोई कैसे काम करे और कब तक मुफ़्त में काम करे ? पार्टी कोई भी हो परन्तु सबके सब अपनी राजनीती चमकाने में लगे है। रोड पर झाड़ू नही लगेगी अस्पताल में डॉक्टर नही होंगे देश की राजधानी दिल्ली में कूड़ा ही कूड़ा होगा। सैलरी क्यों नही दी जा रही है ?इसके गोलमोल कारण सब के पास है परन्तु ठोस जबाब किसीके पास नही है ?
बार बार हड़ताल बार बार ठीक होने का वादा फिर एक महीने बाद हड़ताल और यही लगातार चल रही है। सैलरी पर महीने में करीब 140 करोड़ का खर्च आता है इसमें MCD के 7000 सफाई कर्मचारी का वेतन भी है, 1750 स्कुलो के 22000 शिक्षको के वेतन है अब संकट यह है की महानगर पालिका इतना राजस्व नही जुटा पाता है की कर्मचारी को वेतन दे सके। आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बिच फुटबॉल बन चुकी है MCD के कर्मचारी और पीस रही है दोनों के बिच में दिल्ली के जनता जिसका सुध लेने बाला कोई नही है ?
No comments
Post a Comment