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Rambabu
12:39 AM
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अभी कुछ दिन पहले दिल्ली में स्याही काण्ड के बाद आम आदमी पार्टी ने अन्तर्निहित स्वार्थ सिद्धि जैसे प्रयोग किया। कालिख पोतना बहुत खराब माना जाता था लेकिन सभ्यता के विकास और राजनीतिक पतन के इस दौर में, स्याही पूतना अब इसे गन्दा होना नही माना जता है। आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री पर स्याही फेके जाने की घटना का जैसा कलात्मक इस्तेमाल किया है उसे देखने के बाद आपको दाग अच्छा लगेगा ।
यही है राजनीती का नया फंडा, स्याही टमाटर और अंडा। यकीन मानिये आज के राजनीत का कारगर हथियार है ये । आपको लगता होगा की विरोध जताने का ये तरीका है पर असल में विरोध से इसका दूर दूर तक कोई रिस्ता नही है ? ये सिर्फ और सिर्फ राजनीत चमकाने का तरीका है । टमाटर और अंडा तो फिर भी पुराना पड़ गया है, स्याही नई एन्ट्री है। स्याही जिसने फेका उसकी भी चमक गई ।
जिस मौके की तालाश में दिल्लीबाले छोटे पड़े मंत्री, महत्वपूर्ण नेता से लेकर महान प्रवक्ता तक तरस रहे थे, उसकी बौछार इसबार दिल्ली पुलिस से लेकर बीजेपी और प्रधान मंत्री तक को ललकारने का मौका दे दिया स्याही के एक बौछार ने।
अखबारो के सुर्ख़ियो में वो है किसी के एक भी चेहरे का नुकसान नही हुआ। कुछ दिन पहके पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में सुधेंदेर कुलकर्णी का स्याही काण्ड पाकिस्तान तक में सुर्खिया बटोरा। मतलब आज के गिरती हुई राजनीति में सस्ती लोकप्रियता का बहुत बड़ा औजार मिल गया है ।
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