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Rambabu
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अहाँ ई करू आ की ओ करू जे जे फुराएत अछि ओ सभ करू।
मुखपोथी पर आ ट्विटर पर डीगडिगीआ देबाक काज सेहो करू।।
मातृभाषा बनय शिक्षाक आधार ई थिक हमर जन्मसिद्ध अधिकार।
याचनासँ भेटल यातना आइधरि आएल समय शास्त्र सँग शस्त्र धरु।।
मनसठ मनोवृति जे घर कएने अछि वएह भाषाकेँ बेघर कएने अछि।
टुकड़ा टुकड़ामे टूटल अछि मोनक डोर जुड़त कोना से बाट पकरु।।
चुनाव अबितहि सभकेँ मोन पड़ैछ लागि भिरी क' गप्पक दौन करैछ।
बहारि उसारि आ अटकि फटकिक' दए दोष भाग्यकेँ कलपति मरु।।
मैथिली जाति धर्म पंथसँ परतारल रहल अपने लोकसँ उजारल रहल।
छै शापित मैथिलक प्रायश्चित ई पीबि घटविष शुन्यमे सुलगैत जरू।।
बाबाक अरजल छल दान मान सभ बेचि बेसाह कS रहल निलाम।
कोना पाएब निज स्वाभिमान पुनः ओहिकेँ भंजिआएब करू शुरू।।
रामबाबू सिंह मधेपुर
२६.०८.२०२०
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