प्रकृति के दुर्लभ रचना में सँ एकटा सम्भवतः पृथ्वी आ फेर अपन देश भारत आ भारत देश में मिथिला। एहन पवित्र स्थान जतय देवता स्वयं जन्म लेब लेल लालायित होयत छलाह। एतय प्रकृति के अथाह सौन्दर्य सेहो अछि, विविधता सँ भरल पुरल लोकक जीवन संगहि जीवन के भरण पोषण करबा लेल सर्वाधिक अनुकिल परिस्थिति। एतौका सौन्दर्य सँ देवलोक सेहो प्रभावित होयत छलाह। ताहि हेतु वेद पुरान धर्म ग्रन्थ सब एतौका कण कण में ईश्वरीय रचनाक दर्शन सँ अवगत करबैत अछि। विद्वान लोकनिक एकटा श्रृंखला अछि आ एखनहुँ धरि मिथिला में प्रबुद्ध वर्गक संख्या आर स्थानक अपेक्षा बेसी देखल जएत अछि।
मुदा वर्तमान समय में सबटा उनटा भ रहल अछि। हमरा सबहक इतिहास जेकर वैश्विक स्तर पर चर्चा छल जेना विलुप्त होम के कगार पर अछि। शिक्षा के स्थित एखन खत्ता में ऊबडूब क रहल अछि। मिडिया में टॉपर के नाम पर चर्चा एखन पैघ शर्मनाक स्तर धरि पहुँच गेल अछि मतलब मात्र पाय कौड़ी बाला के हाथक कठपुतली बनि गेल अछि। वर्तमान जेकाँ गम्भीर आ असहज स्थित अतीत में कहियौ नै भेल हएत? की अहिना जिवैति रहब कुंठा के सँग अधमरा बनि? अपन भविष्य केर नै त अपन पीढ़ीक भविष्य के विषय में सोचु?मैथिल जन अपने में कतेको फार भेल अछि आ सब एक दोसर पर आरोप प्रत्यारोप करैत रहैत छथि, जे हम बड़का त हम बड़का ? जेना सबहक बुद्धि में जाला लागि गेल छनि, सबकिछ देखियौ क आन्हर बनल अपन अपन पीठ अपने थपथपा रहल छथि।
मिथिला राज्य के लेल अवरोध करय बाला के थिक आर ओ कतेक शक्तिशाली छथि सेहो जनै छी? संगहि संघर्ष के लेल समुचित मुद्दा सेहो अछि तखन आब कथि लेल बिलम्ब कय रहल छी? अन्तर्विरोध के छोड़ि, गुटबाजी के तोड़ि जँ सच में माँ जानकी केर भूमि बिहार सँ मुक्त कराब चाहै छी। आरोप प्रत्यारोप के भाषा के राखु ताख पर। पहिने अपने सब सकारात्मक सोच के साथ एकमत होउ। हे यौ घरक छोट छीन मूसा सेहो अपन ची ची आवाज सँ बिलाय तक के डरा दैत अछि। विमर्श मिथिला राज्य केना भेंटत से नहि, विमर्श करू मिथिला राज्य लइके रहब, छोड़ब नै संघर्षरत रहब जा धरि संबैधानिक रुपे भेट नै जएत? ई सम्भव अछि मात्र हमर भाषा में शिकायती नहि अपितु निष्ठां कर्मठता आर एकजुटता रहय तखन हमर सबहक परिकल्पना अवश्ये साकार हएत।
आलोचना मात्र जुनि करि, निक रहत जखन संगहि आक्रमकता आ आंदोलनात्मक कार्यवाई में सेहो सहभागी बनु। गुट बनाक ठाड़ होउ, करुणा के दिन चलि गेल। अपन मन कर्म आ सोच के बदलि लिय, संघर्षक दिन शुरू होम जा रहल अछि। ओहि पावन दिनक मोन में आत्मसात करू जहिया माँ जानकी केर पावन पवित्र भूमि आजुक कुख्यात आ चर्चित बिहार सँ मुक्त हएत। जय मिथिला जय माँ जानकी।
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